कासगंज- अस्पताल न डॉक्टर, कैसे हों 'आयुष्मान'
- चिकित्सक न होने पर मरीजों को रेफर करना पड़ता है बरेली।
फोटो नंबर एक
हैडर :
- चिकित्सक न होने पर मरीजों को रेफर करना पड़ता है बरेली - 45 दिन से अधिक हो चुके हैं आयुष्मान योजना शुरू हुए
- 90 हजार परिवारों के चार लाख सदस्य हैं पात्र
- 22000 शहरी परिवार हैं योजना के पात्र।
- 68000 देहात के परिवार हैं सूची में शामिल।
- 1000 के करीब पात्र बनवा चुके हैं कार्ड।
- 05 सदस्यों का ही हो सका है अब तक उपचार
- 1350 बीमारियों का इलाज है इस योजना के तहत।
- 05 लाख रुपये तक का इलाज निश्शुल्क कराएगी सरकार। जागरण संवाददाता, कासगंज : जिले में अस्पताल चिह्नित हुए न जिला अस्पताल में डॉक्टर हैं। ऐसे में मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। आलम यह है कि डेढ़ माह में मात्र पांच लाभार्थियों का ही योजना के तहत उपचार हो सका है। ऐसे में योजना की सफलता को लेकर संशय है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को निश्शुल्क उपचार दिया जाएगा। अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाने के लिए एक सैकड़ा से अधिक रोगों को योजना में शामिल किया गया है। जिले में योजना की हालत काफी खराब है। योजना के तहत एक भी निजी अस्पताल को योजना के तहत शामिल नहीं किया गया है। वहीं संयुक्त चिकित्सालय में मात्र पांच मरीजों का इलाज हुआ है। इसका एक कारण अस्पताल में मानक से एक चौथाई चिकित्सक ही तैनात होना हैं। इसके चलते अधिकांश मरीजों को बरेली रेफर करना पड़ता है। एक भी निजी अस्पताल नहीं :
योजना के प्रभारी अधिकारी डॉ. अविनाश कहते हैं अभी तक कोई निजी अस्पताल शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहा है। ऐसे में किसी को सूची में शामिल नहीं किया है।