अभी तक चल रही सफाई, फिर कब हो पाएगी सिंचाई
पानी के इंतजार में पथरा रहीं अन्नदाता की आंखें कहीं आलू को जरूरत है तो कहीं पलेवट का कार्य रुका पड़ा
कासगंज, जासं। जिले भर के किसान परेशान हैं। नहर और बंबे सूख पड़े हैं। खेतों की पलेवट की तैयारी में जुटे किसान हर रोज इस आस में बंबा तक पहुंचते हैं शायद पानी आया हो, लेकिन नहर विभाग अभी तक सफाई कार्य ही खत्म नहीं कर सका है।
15 नवंबर से गेहूं की अगैती बुवाई शुरू हो जाती है। जिले के कई किसानों ने पानी के इंतजार में खेतों में बोवाई कार्य नहीं किया है। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही बंबे में पानी आ जाएगा तो इससे सिचाई हो जाएगी, लेकिन अभी तक विभाग की सफाई खत्म नहीं हुई है। सिढ़पुरा ब्लॉक में तो कई गांवों के किसान सिंचाई के लिए नहर एवं बंबों पर ही निर्भर हैं। अव्यवस्था के चलते किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है। दिसंबर में मिलेगा पानी :
सिचाई विभाग के जिलेदार सर्वेश गंगवार का कहना है कि अभी सफाई कार्य चल रहा है। नौ दिसंबर तक पानी आने की संभावना है। मार्गशीर्ष मेला के बाद पानी आ जाएगा। धान की फसल कट चुकी है। खेत की पलेवट के लिए पानी की जरूरत है। डीजल पंपसेट से काम चलाना पड़ रहा है। इससे आर्थिक रूप से अतिरिक्त भार पड़ रहा है।
-मुकेश शाक्य, नगला पटवारियन गेहूं की फसल की बोवाई के लिए पलेवट के लिए पानी चाहिए। आलू की फसल में पानी लगना है। शासन-प्रशासन को जल्द से जल्द बंबे में पानी देना चाहिए।
-प्रमोद उपाध्याय, ग्राम प्रधान, वाजिदपुर सरकार किसानों की बात करती है, लेकिन माइनर, बंबा एवं नहरों में सफाई एवं पानी छोड़ने का शेडयूल ही तय नहीं हो सका है।
-नागेश उर्फ ललुआ, किलौनी जनप्रतिनिधि भी किसानों की समस्या पर चुप्पी साधे हैं। अन्नदाता को पानी के लिए भटकना पड़ेगा।
-अवनीश उर्फ बब्बू, किलौनी