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आग लगने से 43 झोपड़ियां जलकर हो गईं राख

कासगंज संवाद सहयोगी मंगलवार को सोरों सिढ़पुरा और सिकंदरपुर वैश्य थाना क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं में 43 झोपड़ियां एवं 41 बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 05:06 AM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 05:06 AM (IST)
आग लगने से  43 झोपड़ियां जलकर हो गईं राख
आग लगने से 43 झोपड़ियां जलकर हो गईं राख

कासगंज, संवाद सहयोगी: मंगलवार को सोरों, सिढ़पुरा और सिकंदरपुर वैश्य थाना क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं में 43 झोपड़ियां एवं 41 बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। एसडीएम और सीओ ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया है।

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थाना सिकंदरपुर वैश्य के गांव रानी डामर में मंगलवार की दोपहर लगभग दो बजे उदयवीर की झोपड़ी में अज्ञात कारणों से आग लग गई। दोपहर को हवा काफी तेज चल रही थी। हवा के साथ आग बढ़ती ही चली गई। इसके चलते आग की चपेट में आकर एक-एक कर गांव की लगभग 39 झोपड़ियां जल गईं। ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हुए। लगभग चार घंटे की देरी से दमकल कर्मी वाहन सहित पहुंचे और आग पर काबू पाया। इस दौरान झोपड़ियों में रखा घरेलू सामान, ओढ़ने, बिछाने के कपड़े, अनाज सब जलकर राख हो गया। आग की चपेट में आ कर बुर्जी-बिटौरे भी जलकर राख हो गए। रामकिशोर और रामविलास की दो भैंस भी झुलस गईं। पटियाली के एसडीएम रवेंद्र कुमार एवं सीओ डीके पंत ने गांव में पहुंचकर मौके का निरीक्षण किया।

सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव पहलोई में नगला भूड़ के खेतों में खड़ी लगभग 41 बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। बताया जाता है कि हाईटेंशन तार की चिगारी ने किसान किशनपाल, जितेंद्र, अशोक, चंपाराम, दरबारी, सुजीत, कमलेश, सतेंद्र, जमादार, जय सिंह के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल में आग लग गई। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने आग पर काबू पाया है। एसडीएम और सीओ ने घटना स्थल का निरीक्षण किया है।

सोरों कोतवाली क्षेत्र के गांव मल्लाहनगर में राजकुमार, राकेश, मुन्नालाल, खुशीराम, रामप्रकाश की झोपड़ियों में आग लग गई। झोपड़ी में रखा लाखों रुपये कीमत का लहसन और घरेलू सामान जलकर राख हो गया। नगरिया चौकी इंचार्ज रविद्र चाहर मौके पर पहुंचे। वहीं, तहसील सहावर के गांव मंडनपुर में अज्ञात कारणों से लगी आग में जलकर नौ बीघा गेहूं की फसल राख हो गई। समय से पहुंचती दमकल तो बच जाती झोपड़ियां

गांव रानी डामर में एक के बाद एक झोपड़ियां आग की चपेट में आती रहीं। ग्रामीण आग पर काबू पाने का प्रयास करते रहे, इसके बावजूद भी वह आग पर काबू न पा सके और 39 झोपड़ियां जलकर राख हो गईं। ग्रामीणों का कहना था कि सूचना के लगभग चार घंटे बाद दमकल गांव पहुंची। यदि समय से दमकल पहुंच जाती तो शायद कुछ झोपड़ियां जलने से बच जाती। अग्निकांड की घटनाओं का राजस्व टीम द्वारा निरीक्षण किया गया है। क्षति का आंकलन कराया जा रहा है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद नियमानुसार पीड़ितों को मुआवजा दिलाया जाएगा। - चंद्र प्रकाश सिंह, डीएम


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