कोरोना से फीका हुआ घेवर का कारोबार
श्रावण मास की विशेष मिठाई कहलाने वाले घेवर की बिक्री पर भी क
कासगंज,जागरण संवाददाता : श्रावण मास की विशेष मिठाई कहलाने वाले घेवर की बिक्री पर भी कोरोना का ग्रहण लगा हुआ है। अनलॉक में भी न तो इसकी सुगंध आ रही है न ही दुकानों पर तैयारियां। कोरोना संक्रमण के चलते घेवर भी फीका हो गया है। निर्माता बिक्री को लेकर आशंकित हैं। लिहाजा स्टॉक नहीं कर रहे। इससे लाखों रुपये का कारोबार भी प्रभावित होता दिखाई दे रहा है।
श्रावण मास में तीज एवं रक्षाबंधन पर घेवर का विशेष महत्व है। भाइयों के द्वारा इसे बहनों के घर ले जाने की परंपरा है। श्रावण मास से एक महीने पहले ही घेवर का निर्माण शुरू हो जाता है। करीब 15 दिन पहले से हलवाई स्टॉक करना शुरू कर देते हैं। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते बाजार की हालत ठीक नहीं है। हलवाई आशंकित हैं कि अगर बिक्री नहीं हुई तो स्टॉक बेकार हो जाएगा। ऐसे में घेवर भी दुकानों पर नहीं दिखाई दे रहा है।
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मिठाई की मांग नही है, रोज नए रोगी मिलने से इलाके हॉट स्पॉट बन रहे हैं। यदि त्योहार पर भी अपना क्षेत्र हॉट स्पॉट बन गया तो दुकान भी नही खुल सकेंगी। लिहाजा इसबार स्टॉक नहीं कर रहे।
-मुन्ना लाल
हलवाई
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दो माह का ठेका होता था। 40 से 50 हजार मजदूरी पड़ती थी, इस बार संक्रमण के कारण हलवाई काम ही नहीं कर रहे, रोजी रोटी का संकट बना हुआ है। त्योहार से बड़ी उम्मीद रहती है। काम नहीं मिलने से निराशा हो रही है।
-रामजी लाल
कारीगर
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140 हैं जिले में हलवाई।
08 देशी घी मिष्ठान के विक्रेता।
132 वनस्पति घी की मिठाई के निर्माता।
70 से 80 लाख का है हर वर्ष घेवर का कारोबार।