सहफसली खेती से बदलेगी किसानों की तकदीर
कासगंज संवाद सहयोगी जिले में किसान सहफसली खेती से किसानी की तस्वीर बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
कासगंज, संवाद सहयोगी : जिले में किसान सहफसली खेती से किसानी की तस्वीर बदलने की कोशिश कर रहे हैं। जिले के तमाम किसानों ने गन्ने और मक्का की फसल के साथ सब्जी की फसलें उगाने की तैयारी की है। उसके लिए बोवाई भी कर दी है। अब किसान एक साथ दो फसलों से दोहरा लाभ ले सकेंगे।
सह फसली खेती आज के समय में किसानों के लिए मुनाफेदार साबित हो रही है। दो फसलों की खेती एक साथ करने से फसलों में दोहरा लाभ मिल जाता है। इन दिनों गन्ने की फसल के चुकंदर, पत्ता गोभी, काशीफल की दोहरी खेती की शुरुआत किसानों ने की है। जबकि मक्का की फसल में शिमला मिर्च की खेती की जा रही है। वहीं सोरों क्षेत्र में गन्ने की फसल में कुछ किसान टमाटर, करेला, बैगन की फसल भी कर रहे हैं। सह फसली से एक बार में दोहरा लाभ इसलिए होता है कि लागत तो एक फसल की लगती है, जबकि फसलें दो तैयार हो जाती हैं। किसान ऐसी फसल तैयार करते हैं जो मुख्य फसल से पहले ही तैयार हो जाए। फिर सह फसली का लाभ लेते हैं और बाद में मुख्य फसल का लाभ लेते हैं। पांच बीघा मक्का की फसल में शिमला मिर्च तैयार कर रहे हैं। एक साथ दो फसल का लाभ सहफसली से मिलता है। किसानों के लिए सहफसली वरदान है।
- सत्यकेत, किसान मेमड़ी एक साथ दो फसल करने से लागत एक फसल की लगती है। इसके बाद तैयार दो फसल हो जाती हैं। गन्ने की फसल के साथ इन दिनों काशीफल की फसल कर रहे हैं।
- हरवीर सिंह, किसान गुरहना सहफसली खेती किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है। किसान गन्ना और मक्का की फसल के साथ अन्य फसलों में सह फसली करती है। कम लागत में बेहतर पैदावार होती है।
- सुमित चौहान, जिला कृषि अधिकारी