मीटर रीडर कर रहे उपभोक्ताओं का शोषण
कासगंज संवाद सहयोगी बिजली मीटर रीडर की लापरवाही से उपभोक्ताओं का आर्थिक शोषण हो रहा है।
कासगंज, संवाद सहयोगी : बिजली मीटर रीडर की लापरवाही से उपभोक्ताओं का आर्थिक शोषण हो रहा है। देरी से मीटर से रीडिग लेते हैं तो उपभोक्ता को बढ़ी दर से प्रति यूनिट बिल चुकता करना पड़ता है। उपभोक्ता परेशान हैं। उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। उच्च अधिकारी उपभोक्ताओं की समस्या को संज्ञान में नहीं ले रहे हैं। उपभोक्ताओं का आर्थिक शोषण हो रहा है।
बिजली विभाग द्वारा उपभोक्ताओं से एक माह की रीडिग पर बिल लेने का प्रविधान है। देखने में आ रहा है कि मीटर रीडर समय से रीडिग लेने नहीं पहुंचते हैं। कहीं-कहीं 40 से 50 दिन तक की रीडिग के बिल उपभोक्ताओं को थमाते हैं। इसमें उपभोक्ताओं द्वारा खर्च किए गए यूनिट बढ़ जाते हैं और फिर अधिक यूनिट समान्य यूनिटों से ऊंची दर से प्रति यूनिट का भुगतान करना पड़ता है। मीटर रीडरों की लापरवाही उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। उपभोक्ता शिकायत लेकर विभाग में जाते हैं तो उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं होता। उन्हें बड़ी दर से ही भुगतान करना पड़ता है। कई उपभोक्ता इस तरह के मामलों को लेकर न्यायालय में जाने का भी मन बना रहे हैं। विद्युत उपभोक्ता हरिकिशन सिंह का कहना है कि पिछले माह उन्हें डेढ़ माह की रीडिग का बिल दिया गया। उन्हें बढ़ी कीमत प्रति यूनिट बिल का भुगतान करना पड़ा। वहीं, शहर के मुहल्ला नाथूराम निवासी गिरीश माहेश्वरी की भी यही शिकायत है। चित्रगुप्त कालोनी निवासी ब्रह्मस्वरूप का कहना है कि अब वह इस तरह की शिकायत लेकर न्यायालय में जाएंगे। उपभोक्ताओं को इस तरह की समस्या अब नहीं होगी। इसी माह मीटर रीडरों का प्लान तैयार किया गया है। इसे प्रत्येक विद्युत सबस्टेशन पर चस्पा कराया गया है। सामान्य स्थिति को छोड़कर किसी विशेष परिस्थिति में एक दो दिन की देरी हो सकती है। नए प्लान से उपभोक्ताओं की रीडिग समय से ली जाएगी।
- सुरेश चंद्र, अधिशासी अभियंता विद्युत