डेंगू की जांच के नाम पर लोगों की सेहत से खिलवाड़
कासगंज संवाद सहयोगी जिले में बिना संसाधन के ही निजी लैब संचालक डेंगू की पुष्टि कर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने में जुटे हैं।
कासगंज, संवाद सहयोगी : जिले में बिना संसाधन के ही निजी लैब संचालक डेंगू की पुष्टि कर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने में जुटे हैं। जांच के नाम पर मनमानी हो रही है। सहूलियत के आधार पर पैथोलाजी सेंटरों पर वसूली होती है। भले ही मुख्यमंत्री ने मनमानी वसूली पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन जिले में मनमानी पर अंकुश नहीं लगा पा रहा। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए कार्रवाई की जा रही है।
इन दिनों जिलेभर में डेंगू से लोग पीड़ित हैं। कुछ लोगों की तो सही जांच में डेंगू की पुष्टि हो रही है, लेकिन बुखार से पीड़ित तमाम लोगों को निजी लैब पर जांच किट के आधार पर ही डेंगू की पुष्टि कर दी जाती है। जब उनकी जिला अस्पताल की लैब या हायर सेंटर पर डेंगू की जांच होती है तो तमाम लोगों की डेंगू की पुष्टि नहीं होती। निजी लैब संचालकों की यह मनमानी लोगों की जांच के लिए खतरा बनी हुइ है। न तो डेंगू की जांच के नाम पर कोई दर निर्धारित है और न ही निजी लैब संचालकों पर कोई अंकुश है। ऐसे में बीमार लोगों के तीमारदारों की जेब पर भी डाका डाला जा रहा है। डेंगू के नाम पर 1000 से 1500 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। किसी भी निजी लैब पर एलाइजा की नहीं सुविधा
डेंगू की सही पुष्टि एलाइजा जांच में होती है, लेकिन कासगंज जिले में कोई भी प्राइवेट लैब ऐसी नहीं है, जहां एलाइजा जांच की कोई सुविधा हो। सिर्फ जिला अस्पताल की लैब में ही एलाइजा की जांच की सुविधा है। स्वास्थ्य विभाग का जोर है कि लोग जिला अस्पताल में सरकारी सुविधाओं का लाभ लें। यह होती है जांच
डेंगू की जांच एनएसवन एलाइजा, एनएसवन कार्डटेस्ट, आईजीएम एलाइजा, आइजीए एलाइजा, आईजीएम कार्ड, प्लेटलेट्स काउंट के आधार पर होती है, लेकिन जिले में डेंगू के नाम पर और भी कई जांच कर दी जाती है। जिनमें एलएफटी जांच भी शामिल रहती है। जिले की किसी भी लैब में एलाइजा जांच की सुविधा नही है। जिला अस्पताल में एलाइजा जांच होती है। जिले में निजी लैब संचालक डेंगू की जांच के नाम पर मनमानी न करें इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम निगरानी कर रही हैं।
- डा. अनिल कुमार, सीएमओ