रक्षा की 'रुचि' ने भरी उड़ान, बिग्रेडियर बन बढ़ाया सम्मान
कासगंज संवाद सहयोगी महिला के नाम के आगे देवी लगाया जाता है।
कासगंज, संवाद सहयोगी: महिला के नाम के आगे देवी लगाया जाता है। महिलाओं को सदैव सम्मान के नजरिए से देखा जाता रहा है। एक समय था जब महिलाओं को समाज अलग-अलग नजरिए से देखता था। अब आधी आबादी ऊंची उड़ान पर है। ²ढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़कर महिलाएं स्वयं को ही सशक्त नहीं कर रहीं, बल्कि देश की रक्षा में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। ऐसी ही हैं कासगंज की रहने वाली रुचि अग्रवाल। उन्होंने लक्ष्य तय कर सेना में अफसर बन खुद को सशक्त बनाया और दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनीं। वे बालिकाओं को रक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की सीख दे रही हैं।
मूलरूप से शहर के साहब वाला पेच निवासी दीप नारायण गुप्ता की पुत्री रुचि अग्रवाल 10 साल पहले सेना में अफसर बनीं। परीक्षा पास कर वे लेफ्टिनेंट बन गईं। वे कासगंज शहर की एकमात्र ऐसी महिला हैं जो सेना में सीधे लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित हुईं। उसके बाद उन्होंने लक्ष्य बनाया अन्य बालिकाओं को सशक्त बनाने का। उन्हें प्रेरणा दी कि किस तरह वे स्वयं सशक्त बनें और देश सेवा के लिए कैसे रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में काम करें। रुचि लगातार देश की रक्षा के लिए कार्यरत हैं। उनकी मेहनत अब उन्हें और ऊंचाई तक पहुंचा रही हैं। 10 साल पहले सेना में लेफ्टिनेंट बनीं रुचि अब ब्रिगेडियर हो गई हैं। सबसे अहम बात तो यह है कि रक्षा के क्षेत्र में उन्होंने एक नई उड़ान भरी है। दिल्ली में तैनात रहीं रुचि को अब ब्रिगेडियर बनाने के बाद सरकार ने प्रशिक्षण के लिए कोंगो भेजा है। रुचि कहती हैं कि वे बालिकाओं को प्रेरणा देना चाहती हैं कि स्वयं मजबूत बनना है और रक्षा सुरक्षा के प्रति जागरूक रहकर देश सेवा भी करनी है। रुचि का कहना है कि उन्होंने देहरादून में रहकर शिक्षा हासिल की। उनके मन में शुरू से ही एक सवाल बना था कि महिलाएं क्यों देश सेवा में अपनी हिस्सेदारी नहीं निभा सकतीं? अब वह लक्ष्य की ओर तेजी के साथ आगे बढ़ रही हैं।