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डीएमपी को लेकर जिम्मेदारों तक नहीं पहुंच रही किसानों की आवाज

कासगंज संवाद सहयोगी सहकारी समितियों पर डीएपी खाद की उपलब्धता न होने से खुले बाजार में इसकी जमकर कालाबाजारी हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Oct 2021 05:32 AM (IST)Updated: Sun, 10 Oct 2021 05:32 AM (IST)
डीएमपी को लेकर जिम्मेदारों तक नहीं पहुंच रही किसानों की आवाज
डीएमपी को लेकर जिम्मेदारों तक नहीं पहुंच रही किसानों की आवाज

कासगंज, संवाद सहयोगी : सहकारी समितियों पर डीएपी खाद की उपलब्धता न होने से खुले बाजार में इसकी जमकर कालाबाजारी हो रही है। किसान परेशान हैं। ऊंचे दामों में डीएपी खरीदने को मजबूर हैं। लेकिन जिम्मेदारों तक किसानों की आवाज नहीं पहुंच रही है। उनका आर्थिक शोषण हो रहा है।

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रबी की फसल के लिए किसानों को इन दिनों डीएपी की आवश्यकता है। सरकारी दर पर डीएपी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिले की क्षेत्रीय सहकारी समितियों पर डीएपी की उपलब्धता नहीं है। इससे उसकी कालाबाजारी बढ़ गई है। जरूरत के लिए किसान खुले बाजार से ऊंचे दामों में डीएपी खरीदने के लिए मजबूर हैं। ऐसा नहीं कि जिले में हो रही डीएपी की कालाबाजारी की जानकारी संबंधित विभाग के उच्चाधिकारियों को नहीं है, लेकिन किसानों की आवाज जिम्मेदारों के कानो तक नहीं पहुंच पा रही है। कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे उनके हौसले बुलंद हैं। किसानों का आर्थिक शोषण हो रहा है। डीएपी की बहुत किल्लत है। दुकानदार कालाबाजारी कर रहे हैं। दो सौ से तीन सौ रुपये तक प्रति बोरी अधिक लिया जा रहा है।

- दीवान सिंह, किसान अमांपुर सहकारी समितियों पर डीएपी की उपलब्धता बिल्कुल नहीं हैं। जबकि खुले बाजारों में उपलब्ध है लेकिन महंगी मिल रही है।

- मुलायम सिंह, किसान गांव बनूपुरा फुटकर खाद विक्रेता किसानों से डीएपी के निर्धारित मूल्य से अधिक वसूल रहे हैं। बिल मांगने पर नहीं देते हैं।

- कुसुमवीर, किसान गांव सेविका यदि कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध अभियान चले, इन पर कार्रवाई की जाए तो कालाबाजारी को रोका जा सकता है।

- श्यामवीर, किसान सिढ़पुरा अलीगढ़, मैनपुरी और आगरा में डीएपी की रैक लग गई हैं। रविवार तक जिले में डीएपी की उपलब्धता हो जाएगी। दो चार दिन में समस्या का समाधान पूरी तरह हो जाएगा। कालाबाजारी करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। जिले में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता है।

- सुमित चौहान, जिला कृषि अधिकारी

देर से जागा विभाग एक पर मुकदमा, दो पर लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई

डीएपी की कालाबाजारी को लेकर विभाग देर से जागा। डीएम सीपी सिंह के निर्देश पर जिला कृषि अधिकारी सुमित चौहान ने डीएपी की कालाबाजारी को लेकर स्टिग आपरेशन किया। बिलराम में महीपाल खाद भंडार द्वारा किसान से डीएपी के अधिक मूल्य लिए जाने, वहीं संतोष खाद भंडार पर भी किसानों से डीएपी का अधिक मूल्य लेने का मामला सामने आया। दोनों के विरुद्ध लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। दरियावगंज में किसान खाद भंडार पर चेकिग की गई। यहां बीज विक्रय का लाइसेंस नहीं था। कई कपंनियों के बीज नकली होने की आशंका के चलते सैंपलिग की गई। जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है। फर्म स्वामी के विरुद्ध कोतवाली पटियाली में आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं कापी राइट का मुकदमा दर्ज कराया गया है।


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