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खतरनाक मोड़ बढ़ा रहे जिंदगी के खतरे

जिले में आधा दर्जन मार्ग ब्लैक स्पाट क्षेत्र हैं। चेतावनी के बाद भी तेज रफ्तार से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 07:00 AM (IST)
खतरनाक मोड़ बढ़ा रहे जिंदगी के खतरे
खतरनाक मोड़ बढ़ा रहे जिंदगी के खतरे

कासगंज, संवाद सहयोगी। राह में मौजूद खतरनाक मोड़ जिंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लगा रहे हैं। जिले में सोरों, पटियाली क्षेत्र में आधा दर्जन से ऐसे स्थान हैं जहां आए दिन सड़क हादसे होते हैं। जर्जर सड़कें और खतरनाक मोड़ इन हादसे का कारण हैं। परिवहन विभाग हर वर्ष इस स्थानों पर रिफ्लेक्टर और रेडियम स्टीकर लगाता है, लेकिन यह चेतावनी भी रफ्तार पर ब्रेक नहीं लगा पा रही है।

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मानवीय भूल एवं सड़क यातायात की अनदेखी से सर्वाधिक हादसे होते हैं। जर्जर सड़कें और खतरनाक मोड़ इन हादसे की वजह बनते हैं। जिले में आधा दर्जन ऐसे मोड़ हैं जहां आए दिन हादसे हो जाते हैं। सबसे खतरनाक सोरों-कछला मार्ग पर गोला कुंआ मोड़ है। आगरा-बरेली हाइवे के इस मोड़ पर वाहन चालक की थोड़ी सी असावधानी हादसे का रूप ले लेती है। बीते माह इस मार्ग पर कार और ट्रैक्टर की भिड़ंत में दो लोगों की जान चली गई। आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। पटियाली सिढ़पुरा क्षेत्र में भी ऐसे मोड़ है। हाल ही में बने कैनाल बाइपास मोड़ पर भी हादसे हो रही हैं।

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यह हैं ब्लैकस्पाट इलाके:

- गोला कुंआ सोरों

- सिढ़पुरा-धुमरी मार्ग

- सिढ़पुरा-गंजडुंडवारा

- मोहनपुर तिराहा

- पटियाली बाइपास

- अशोकपुर गांव का तीव्र मोड़

- कासगंज में कैनाल बाइपास मोड़ ------

दुर्घटना संभावित क्षेत्र पीडब्लूडी के सहयोग से खत्म किए जा चुके हैं। पटियाली अशोकपुर, कासगंज कैनाल बाइपास, गोला कुंआ सोरों मोड़ को खत्म करने के लिए पीडब्लूडी को पत्र लिखा है। संभागीय परिवहन विभाग अभियान चलाकर इन क्षेत्रों में रिफ्लेक्टर लगाता है।'

- राजेश राजपूत, एआरटीओ ---------------

'सभी दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों में स्पीड किलोमीटर के बोर्ड लगे हुए हैं। शेष बचे ब्लैकस्पाट पर काम किया जा रहा है।

- सुधीर कुमार, अधिशासी अभियंता पीडब्लूडी


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