सहफसली ने बदल दी खेती किसानी की सूरत, संवारी जिदगी
कासगंज संवाद सहयोगी जहां एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने पर जोर दे रही है।
कासगंज, संवाद सहयोगी: जहां एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने पर जोर दे रही है। वहीं, जिले के तमाम किसान मेहनत से आर्थिक रूप से समृद्ध होने की कोशिश में जुटे हैं। प्रयासों से उनके कदम सफलता की ओर बढ़ रहे हैं। एक नहीं जिले में लगभग 100 से अधिक किसान ऐसे हैं जो सहफसली खेती कर रहे हैं। इन किसानों के लिए प्रेरणा की नजीर बने हैं गांव मेमड़ी के चंद्रभान। वे अपने इन प्रयासों के लिए कई बार पुरस्कार भी हासिल कर चुके हैं।
कासगंज क्षेत्र के गांव मेमड़ी के किसान चंद्रभान लगभग पांच साल से सहफसली खेती कर रहे हैं। पहले तीन सालों तक तो अपेक्षित लाभ नहीं मिला, लेकिन फिर वे सफलता की ओर बढ़ते गए। उनके साथ उनके भाई सत्यकेश भी सहफसली और नकदी फसल करने में जुटे गए। पारंपरिक फसलों को छोड़ आधुनिक खेती से ये समृद्ध ही नहीं हो रहे बल्कि प्रगतिशील किसानों की श्रेणी में शामिल होकर पिछले साल पुरस्कार भी हासिल कर चुके हैं। इससे पहले वे नकदी खेती के लिए कई बार प्रदेश स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं। इनसे प्रेरणा लेकर अब और भी किसान सहफसली की ओर रुझान कर रहे हैं। अब कृषि एवं उद्यान विभाग ऐसे 100 से अधिक जागरूक किसानों को चिन्हित कर चुका है। यह कर सकते है सहफसली
सहफसली खेती में मक्का के साथ शिमला मिर्च, गन्ने के साथ हरी मिर्च, टमाटर, धनिया, केले की फसल के साथ अदरक, पोदीना सहित कई फसलें एक साथ पैदा की जा सकती है। किसान की बात
कृषि एवं उद्यान विभाग ने हमें जागरुक किया। सहफसली के लाभ बताएं। एक साथ दो फसलें करने से दोहरा लाभ हुआ है। एक एकड़ में मक्का और शिमला मिर्च की खेती एक साथ पैदा कर रहे है। - चंद्रभान, किसान अफसरों की बात
सहफसली से दो लाभ मिलते हैं एक तो एक ही लागत दो फसलें पैदा हो जाती है, और फिर दो फसलों से हरी खाद पर्याप्त मात्रा में मिल जाती है। अलग-अलग सहफसली में अलग-अलग लागत आती है। योगेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी किसान सहफसली के प्रति जागरूक हो रहे है। किसान सहफसली से दोहरा लाभ कमाएं। कृषि विभाग समय-समय पर किसानों को जागरूक करता है।
सुमित चौहान, जिला कृषि अधिकारी