मंडी अफसरों ने बेहाल छोड़ा गोवंश
मंडी में गोवंश की हालत खराब, मंडी प्रशासन की लापरवाही, नहीं ली जा रही सुध
कासगंज, जागरण संवाददाता। आश्रय स्थल एवं गोशाला फुल होने के बाद डीएम ने मंडी में पशुओं को रखने की व्यवस्था की है। खुद डीएम यहां का निरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन मंडी समिति प्रशासन बेपरवाह बना है। शनिवार को दो गाय यहां पर दोपहर 12 बजे बीमार पड़ी रही। एक तो उठने से भी लाचार थी तो दूसरी सिर्फ कान हिला रही थी, लेकिन मंडी का कोई भी कर्मचारी यहां नहीं था।
मंडी में गांव-देहात से लाकर आवारा गोवंश लाया जा रहा है। मंडी में बैरीके¨डग कर व्यवस्था की गई है। शेड में चारा है तो पालिका के टैंकर पानी पहुंचा रहे हैं। जिलाधिकारी ने गायों की देख-रेख उचित ढंग से करने के आदेश दिए हैं, लेकिन मंडी प्रशासन द्वारा तैनात कर्मचारी आसपास भी नजर नहीं आते। दोपहर 12 बजे कुछ गांवों के लोग यहां अपने क्षेत्र की गायों को छोड़ने से पहले जानकारी लेने आए तो घंटों इंतजार करना पड़ा।
सांड बने समस्या, बैरीके¨डग तोड़ भागी गाय :बेसहारा गोवंश में कुछ सांड भी हैं, जो परेशानी बन रहे हैं। दोपहर में इन्होंने गायों को दौड़ाना शुरू किया। कुछ गाय लोहे के डिब्बे गिराते हुए यहां से भागी तो कुछ बैरीके¨डग तोड़कर निकलने लगी। कर्मचारी नहीं थे, ऐसे में आसपास के दुकानदार एवं पल्लेदारों ने ही फिर से बल्लियां बांधीं।
कूड़े का ढेर बनाकर उतारे पशु :
मंडी समिति मे बनाए गए आश्रय स्थल में पशुओं को उतारने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। शुक्रवार को गढ़ी चांड़ी से यहां पर पशुओं को लेकर ग्रामीणों के समक्ष दिक्कत खड़ी हुई। कूड़े का ढेर बनाकर पशुओं को उतारना पड़ा। इस दौरान कुछ गाय के पैर में भी चोट आई।
सुबह डीएम के पहुंचने से खलबली :शनिवार को सुबह ही जिलाधिकारी आरपी ¨सह गोशाला पशुओं की व्यवस्था देखने पहुंच गए। इससे यहां पर अफरा-तफरी मच गई। शेड बड़ा करने के आदेश दिए। वहीं अपने सामने गायीं को मंडी में घुमवाया, ताकि वे सब्जियों के छिलके आदि खा सकें।
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'मंडी में लगभग सौ गोवंश रखने की व्यवस्था है। अगर पशुओं को उतारने में दिक्कत है तो मंडी प्रशासन को व्यवस्था करनी चाहिए। इस संबंध में निर्देश दिए गये हैं।'
-आरपी ¨सह
जिलाधिकारी