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लहरा पर छोड़ी गंदगी, कछला पर समेटी

श्रद्धा की अपार कृपा से यह गंगा श्रद्धालुओं के पापों से बिलबिला रही है। धर्म निभाने आने वाले श्रद्धालु सोरों के लहरा और कछला घाट पर धर्म का कचरा नदी में उड़ेल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 09:20 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 09:20 PM (IST)
लहरा पर छोड़ी गंदगी, कछला पर समेटी
लहरा पर छोड़ी गंदगी, कछला पर समेटी

जागरण संवाददाता, कासगंज: श्रद्धा की अपार कृपा से यह गंगा श्रद्धालुओं के पापों से बिलबिला रही है। धर्म निभाने आने वाले श्रद्धालु सोरों के लहरा और कछला घाट पर धर्म का कचरा नदी में उड़ेल रहे हैं।

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सोरों से पहले सात किमी दूर बहने वाली गंगा नदी अब बाढ़ के कारण लहरा के पुराने स्थान पर ही बह रही है। रविवार, अमावस को इस घाट पर सुबह से स्नान को श्रद्धालुओं की कतारें लगी हुई थी। कोई घर से लाई फटी धाíमक किताबों को पानी में पॉलीथिन में रखकर पूरी ताकत से फेंक रहा था। यहां गांव के सफाईकर्मी स्वच्छता को झाडू हिलाते नजर आए, जबकि पालिका का वार्ड होने के बाद यहां कोई नहीं था।

उधर कछला में गंगा भी वही थी तो पानी भी वही, लेकिन यहां सामाजिक कार्यकर्ता श्रद्धालुओं के पाप को समेटते दिखे। हर रविवार श्रद्धालुओं की गंदगी को समेटने के लिए रविवार सुबह पूरी टीम वंदना ¨सह राघव कछला गंगा घाट पर पहुंची। गंगा के किनारों पर अस्था के नाम पर लगे गंदगी के अंबार एकत्रकर आसपास स्वच्छता का काम किया। टीम की सर संचालक वंदना ¨सह राघव कछला गंगा घाट पर पहुंची, स्वच्छता के बाद भी घाट पर गंदगी देखकर टीम के सदस्यों पर नाराजगी वयक्त की। टीम के सचिव संदीप ¨सह राघव, प्रचारक सागर भाई, सदस्य मधुलता ने बताया कि राजस्थान के श्रद्धालुओं ने दोबारा गंदगी कर दी है। अभियान में यतेन्द्र ¨सह सोलंकी, शम्भु दयाल, गगन, ब्रजेश, नानकचंद, विक्रम ¨सह राघव, अजय, सूरज और कछला गंगा घाट का संत समाज और अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

किनारों को बनाया डस्टबिन:

कासगंज: राजस्थान के श्रद्धालु लहरा और कछला घाट पर स्नान के दौरान गंगा को सबसे ज्यादा गंदा करते हैं। पुराने कपड़े, घर की खंडित मूíतयां और धाíमक किताबें गंगा में फेंकते हैं। ऐसे धर्मधीरू श्रद्धालुओं को समझाने के लिए स्थानीय स्तर पर कोई जागरुकता को कार्यक्रम भी नहीं होता है। सोरों पालिका लहरा को लेकर और बदायूं जिला प्रशासन कछला को लेकर उदासीन ही नजर आता है।


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