स्कूल बंद, फिर भी अभिभावकों की जेब पर बोझ
कासगंज संवाद सहयोगी स्कूल कालेज बंद हैं फिर भी विद्यालय अभिभावकों पर स्कूल द्वारा प्रस्तावित कापी किताब का सेट लेने का दबाव बना रहे हैं।
कासगंज, संवाद सहयोगी : स्कूल कालेज बंद हैं, फिर भी विद्यालय अभिभावकों पर स्कूल द्वारा प्रस्तावित कापी किताब का सेट लेने का दबाव बना रहे हैं। पूरा सेट लेने पर ही जरूरत की पुस्तकें दी जा रही हैं। अभिभावक पुस्तक विक्रेताओं एवं स्कूलों के बीच हुए गठजोड़ से परेशान हैं।
कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद हैं। कक्षाएं चल नहीं रहीं। कुछ विद्यालय आनलाइन शिक्षा जरूर दे रहे हैं। आनलाइन क्लास भी अव्यवस्थित हैं। तमाम विद्यालय अभिभावकों पर बच्चों के लिए कापी किताब का महंगा सेट लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। अभिभावकों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि उक्त सेट में से यदि कुछ जरूरत की किताबें अभिभावक लेना चाहें तो उन्हें नहीं दिया जाता। उन्हें पूरा सेट लेना पड़ता है। इसके साथ ही स्टेशनरी भी जरूर लेनी पड़ती हैं। कुछ अभिभावकों की शिकायत यह है कि विद्यालय में यदि सेट नहीं बदला है और वह किसी बच्चे की पुरानी किताबें लेते हैं और उसमें कोई किताब कम होती है तो स्कूल द्वारा तय किया गया बुकसेलर जरूरत की पुस्तक नहीं देता और पूरा सेट लेने का दबाव बनाता है। इससे अभिभावक का आर्थिक शोषण हो रहा है। कोरोना काल में अभिभावक पहले से ही आर्थिक रूप से परेशान हैं। स्कूलों को इस तरह की व्यवस्था करनी चाहिए कि पुस्तक विक्रेता जरूरत की पुस्तकें उपलब्ध कराए। अनावश्यक रूप से स्टेशनरी और गैर जरूरत की किताबों का दबाव न बनाएं।
- अश्वनी चतुर्वेदी, सह संयोजक महा अभिभावक संघ सेट में तमाम किताबें ऐसी होती हैं जो पूरे वर्ष बच्चों के काम नहीं आती हैं। कुछ किताबें ऐसी हैं, जिनका स्कूल न खुलने पर कोई उपयोग नहीं है। अत: किताब विक्रेता अभिभावकों को जरूरत की पुस्तकें दें। स्कूल इस तरह की व्यवस्था लागू कराए।
- अशोक गौड़, काउंसलर परिवार परामर्श केंद्र इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलेगी तो निश्चित तौर पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
- एसपी सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक