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मालिक मांग रहा था किराया, रेहड़ी में परिवार को बैठा चल पड़े..

जागरण संवाददाता कासगंज 200 किमी से लंबा सफर। चार बच्चों के साथ बुजुर्ग पिता एवं पत्नी। गुड़

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 09:37 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 09:37 PM (IST)
मालिक मांग रहा था किराया, रेहड़ी में परिवार को बैठा चल पड़े..
मालिक मांग रहा था किराया, रेहड़ी में परिवार को बैठा चल पड़े..

जागरण संवाददाता, कासगंज : 200 किमी से लंबा सफर। चार बच्चों के साथ बुजुर्ग पिता एवं पत्नी। गुड़गांव में फंसे हुए रामवीर की हिम्मत ही नहीं हो रही थी क्या करे? छोटे-छोटे बच्चों के साथ पैदल चलना संभव न था। ट्रेन की तीन बार टिकट बुक कराई, लेकिन ट्रेन ही पटरी पर नहीं दौड़ी। ऐसे में जब कोई रास्ता न सूझा तो जिस रेहड़ी (मोटर वाली ठेला गाड़ी) से सामान ढोता था, उसी पर परिवार को बैठाकर सफर पर निकल पड़ा।

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फर्रुखाबाद के सरायगंज निवासी रामवीर अपने गुड़गांव में रेहड़ी चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। पत्नी गुड़िया के साथ घर में चार छोटे बच्चे गणेश, अश्वनी एवं सनी हैं। होली से पहले पिता नन्हेंलाल भी गांव गए थे, लेकिन लौटने से पहले लॉकडाउन लग गया। लॉकडाउन फ‌र्स्ट के बाद ट्रेन से जाने के लिए टिकट की बुकिग कराई, लेकिन ट्रेन नहीं चली। लॉकडाउन टू का इंतजार खत्म हुआ तो थ्री शुरू हो गया। थ्री के बाद में फोर की बात सुनकर ही रामवीर एवं परिवार की हिम्मत जवाब दे गई। साढ़े तीन हजार रुपये पर मकान किराए पर था हर रोज मकान मालिक किराया मांगता। राशन भी खत्म हुआ तो रामवीर ने मंगलवार रात रेहड़ी पर परिवार को बैठा कर गांव की राह पकड़ ली। रात भर सफर चलने के बाद सुबह ढोलना बॉर्डर पर पहुंचे तो पुलिस ने रोक लिया। इसके बाद इन्हें अस्थायी आश्रय गृह भेज दिया। -------

कहां हो रही है चेकिग :

रात में यात्री वाहनों का परिवहन बंद है, लेकिन गुड़गांव से कासगंज तक रेहड़ी दौड़ती रही। न जाने कितने ही चेक पोस्ट से गुजरी। रेहड़ी पर सफर खतरों से खाली नहीं, लेकिन कासगंज की सीमा तक पहुंचने तक कहीं भी रेहड़ी को न रोकना बताता है कि अभी भी प्रवासियों की सुरक्षा के लिए कई जिलों का प्रशासन संजीदा नहीं है।

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सोनीपत से निकले पैदल तो कोई ट्रक में :

ट्रकों में प्रवासियों का सफर अभी थमा नहीं है। सोनीपत से ट्रकों में सफर करके आए वाहिद एवं उनका परिवार जहां बाईपास पर नहर किनारे पैदल जाता हुआ दिखाई दिया तो गुड़गांव से आए शमशाद भी ट्रक में ऊपर छिपकर बैठे हुए कासगंज तक पहुंचे।इन्हें गाजीपुर जाना था, लेकिन अलीगढ़ पुलिस ने कुरावली तक ट्रक में बैठा दिया।


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