बंदर से डरकर भागी महिला की छत से गिरकर मौत
छत पर बैठी थी महिला पैर फिसलने से हुई घटना घर में बड़ी बेटी के निकाह की हो रही थी तैयारी
संवाद सहयोगी, सिकंदरा (कानपुर देहात): राजपुर कस्बा के गढ़वाह मोहल्ले में सोमवार को सुबह बंदर के हमला करने पर डरकर भागी महिला का पैर फिसल गया और वह छत से नीचे गिरकर गंभीर घायल हो गई। जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई।
सुबह फैयाज खां की पत्नी 55 वर्षीय नाजमा खातून घर की छत पर बैठी थीं। तभी आपस में लड़ रहे बंदरों में एक बंदर ने उन पर हमला कर दिया। उससे बचने के लिए वह भागने लगीं, तभी पैर फिसलने से नीचे आ गिरीं। पड़ोसी राजू व अरबाज उन्हें कस्बे के पीएचसी ले गए। प्रभारी चिकित्सक डीके सिंह ने प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जिला अस्पताल पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई। पति ने बताया कि घर में 19 वर्षीय पुत्री रेशमा का अगले सप्ताह होने वाले निकाह की तैयारी चल रही थी। घटना के बाद खुशियां मातम में बदल गई। 17 वर्षीय पुत्री आशमा व बेटों 15 वर्षीय राजा व 12 वर्षीय ताज मुहम्मद का रो-रोकर बुरा हाल है। थानाध्यक्ष विक्रम सिंह ने बताया कि फिलहाल घटना की जानकारी नहीं मिली है। लगातार बढ़ता जा रहा बंदरों का खौफ
बंदरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। लोग छतों पर बच्चों को अकेले नहीं भेजते। सोमवार को जिस समय नाजमा छत पर थी तब भी बंदरों का हुजूम उसकी छत पर था। उनसे बचने को ही वह भागी थी और हड़बड़ाहट में नीचे आ गिरी। इस घटना से पूर्व अन्य स्थानों पर भी बंदर के हमले से लोग घायल हो चुके हैं।
चार दिन पहले खोजाफूल कस्बे में एक कटखने बंदर ने एक छह वर्षीय बच्चे को काट लिया था। रामसागर कठेरिया का पुत्र आयुष घर के बाहर अकेला खेल रहा था तभी कटखने बंदर ने हमला कर दिया था। एक सप्ताह पहले इसी कटखने बंदर ने सतीश के पुत्र अरनब तथा सुखबीर की पुत्री बंशी को भी बंदर ने काटा लिया था। यहां दस दिनों के अंदर करीब 12 से 13 बच्चों तथा बड़ों को बंदर जख्मी कर चुके हैं। कस्बे के लोगों ने बताया कि बंदर पकड़वाने के लिए कई बार तहसील कर्मियों तथा वन कर्मियों को अवगत कराया गया था, लेकिन इन्हें पकड़ने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। हालात यह हैं कि घरों के अंदर बंदर कूद जाते हैं और सामान छीन कर भाग जाते हैं। छतों पर कोई अकेले जा नहीं सकता।