छूटे गांवों में होगी चकबंदी
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : छूटे गांवों में चकबंदी प्रक्रिया की शुरुआत की गई है। इस
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : छूटे गांवों में चकबंदी प्रक्रिया की शुरुआत की गई है। इसके लिए राजस्व अनुभाग की ओर से जिला प्रशासन से चकबंदी कराने वाले गांवों की सूची मांगी है।
जनपद में छह तहसीलों में कुल 1047 राजस्व ग्राम हैं। मौजूदा समय में रसूलाबाद तहसील के दो गांवों में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। विभागीय जानकारों की मानें तो अभी भी ऐसे गांव हैं जिनमें किसानों की कृषि भूमि की चकबंदी बाकी है। वहीं कई गांव ऐसे हैं जिनमें काफी समय पूर्व चकबंदी हुई थी। इन गांवों के लोगों ने चकबंदी की मांग की है। जिले में भोगनीपुर तहसील में दो गांवों में चकबंदी नहीं हुई है। यमुना बीहड़ के कई गांव भी चकबंदी से छूटे हैं। इसी क्रम में राजस्व अनुभाग के प्रमुख सचिव सुरेश चंद्रा ने पिछले दिनों सभी डीएम को पत्र लिखकर चकबंदी प्रक्रिया से वंचित गांवों की सूचना मांगी है। आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में 1,10,299 राजस्व ग्राम हैं जिसमें से 1,01,171 राजस्व गांवों में अब तक प्रथम चक्र की चकबंदी की जा चुकी है। वहीं 9128 राजस्व ग्राम ऐसे हैं जिनमें अब तक चकबंदी प्रक्रिया का प्रसार नहीं हो सका है।
------------
क्या है फायदे
चकबंदी प्रक्रिया से छोटे-छोटे बिखरे चकों (खेतों) को यथा संभव एक स्थान पर किया जाता है। इन चक पर आने जाने के लिए चकमार्ग व ¨सचाई के लिए नाली व्यवस्था सुदृढ़ की जाती है। चकबंदी प्रक्रिया से भूमि विवादों को आसानी से निपटारा भी हो जाता है। इसके साथ ही सार्वजनिक प्रयोजन के लिए भूमि भी प्राप्त हो जाती है।
-------------
'सभी तहसीलों से चकबंदी से वंचित गांवों या फिर जिन गांवों में चकबंदी कराई जा सकती की सूचना चाही गई है। चकबंदी प्रक्रिया के लिए गांवों के किसान खुद भी आवेदन कर सकते हैं। जिन्हे चकबंदी आयुक्त को अग्रेसित कर प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है।'
-विजेता, अतिरिक्त मजिस्ट्रेट/बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी कानपुर देहात