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फतेहपुर में मिलावटी शराब पिलाने के मामले में हुई बड़ी कार्रवाई, आबकारी इंस्पेक्टर व दारोगा समेत चार निलंबित

आबकारी आयुक्त व मंत्री तक पहुंचा मामला कई और भी अधिकारियों का भी नपना तय। गाजीपुर थानाध्यक्ष की भूमिका के विरुद्ध एसपी ने बैठा दी जांच। उधर गांव में दूसरे दिन भी जांच-पड़ताल का दौर जारी है।क्यूआर कोड

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sat, 13 Mar 2021 01:58 PM (IST)Updated: Sat, 13 Mar 2021 01:58 PM (IST)
फतेहपुर में मिलावटी शराब पिलाने के मामले में हुई बड़ी कार्रवाई, आबकारी इंस्पेक्टर व दारोगा समेत चार निलंबित
क्यूआर कोड की मदद से यह पहचान की जा रही है कि शराब किसी ठेके की थी

फतेहपुर, जेएनएन। भौली गांव में मिलावटी शराब पीने से दो की मौत और 19 की हालत बिगड़ने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। आबकारी मंत्री राम नरेश अग्निहोत्री और आयुक्त गुरू प्रसाद ने प्रकरण का संज्ञान लिया है। डीएम अपूर्वा दुबे की रिपोर्ट पर आबकारी आयुक्त ने आबकारी इंस्पेक्टर संदीप सिंह व एडिशनल कमिश्नर ने आबकारी सिपाही नारायणदत्त त्रिपाठी को निलंबित कर दिया है। साथ ही एसपी सतपाल अंतिल ने हल्का इंचार्ज बृजेंद्र माथुर व बीट सिपाही धर्मेंद्र कुमार को निलंबित करते हुए गाजीपुर थानाध्यक्ष कमलेश पाल की भूमिका की जांच शुरू करा दी है।

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बता दें कि आबकारी आयुक्त लगातार अपडेट ले रहे हैं, जिससे माना यह जा रहा है कि अभी कई और अफसरों पर गाज गिर सकती है। उधर गांव में दूसरे दिन भी जांच-पड़ताल का दौर जारी है।

ये है मामला

यहां पीएम आवास की छत डालने के एवज में कालोनी मालिक ने काम करने वाले मजदूरों को पूड़ी सब्जी और शराब की दावत दी थी। पार्टी में शराब के सेवन से दो लोगों की मौत हो गयी है, जबकि तीन गंभीर हैं, और 14 को खतरे से बाहर बताया जा रहा है। शुरुआती जांच में पाया गया है कि पावरहाउस ब्रांड की देशी शराब इंद्रो पुल के पास खुली एक इलेक्ट्रानिक दुकान से खरीदी गयी थी। सवाल यह है कि जब उक्त स्थान पर शराब बिक्री का कोई अधिकृत ठेका ही नहीं है, तो बिक्री कैसे हो रही थी। इसे गलत मानते हुए हुए इलेक्ट्रानिक दुकानदार संतोष लोधी पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। अब खाली शीशी के क्यूआर कोड की मदद से यह पहचान की जा रही है कि शराब किसी ठेके की थी, या फिर उसे मिलावट करके बनाकर खाली शीशियों में री-पैगिंग का खेल चल रहा था।

इनका ये है कहना

शराब पीने से मौत के मामले में आबकारी इंस्पेक्टर, आबकारी सिपाही, हल्का इंचार्ज व बीट सिपाही को निलंबित किया जा चुका है। एसओ गाजीपुर की भूमिका की जांच प्रचलित है। शासन रिपोर्ट भेज दी गयी है, अंतिम रूप में से जांच रिपोर्ट आने के बाद अन्य कार्रवाई भी होंगी। - अपूर्वा दुबे, डीएम


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