एक वृद्धाश्रम के सहारे जिले के बेसहारा बुजुर्ग
जागरण संवाददाता कानपुर देहात करीब 1
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : करीब 18 लाख की आबादी वाले जिले में बुजुर्गों की संख्या एक लाख से अधिक है। परिवार से तिरस्कृत बुजुर्गों के लिए सरकार की ओर से वृद्धा आश्रम की व्यवस्था की गई है। उन्हें विपरीत हालातों में एक सुरक्षित ठिकाना मिल सके। जनपद में केवल एक वृद्धाश्रम ही है, जिस पर जिले के बेसहारा बुजुर्गों की जिम्मेदारी है।
मुख्यालय से करीब पांच किमी की दूरी पर इटावा-कानपुर हाईवे पर स्थित शिवा ग्रामोद्योग सेवा संस्थान द्वारा संचालित एक वृद्धाश्रम संचालित है। इसमें मौजूदा समय में 47 पुरुष व 18 महिलाओं को सहारा मिल रहा है। इनके मनोरंजन के लिए आश्रम में टीवी, ढोलक, हारमोनियम के साथ ही मनोरंजन के अन्य साधन भी मौजूद हैं। मन ऊबने पर बुजुर्ग इन संसाधनों का प्रयोग कर समय व्यतीत करते हैं। अगस्त माह में एक पुरुष बुजुर्ग आश्रम में कोरोना संक्रमित मिला था, जिसके बाद आश्रम में सैनिटाइजेशन कराया गया था। तब से एक माह से अधिक का समय बीत चुका है। कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इससे बुजुर्गों को सबसे अधिक खतरा भी है, लेकिन इसके बाद भी आश्रम में दोबारा जांच कराना मुनासिब नहीं समझा गया। एक बुजुर्ग ने बताया कि उनके दांत में कई दिनों से दर्द है। चिकित्सक को दिखाने की बात पूछने पर वह मौन रह गए। आश्रम में ठिकाना पा रहे बुजुर्गों की देखभाल के लिए महिला पुरुष सहित 15 लोगों को स्टाफ है, लेकिन कर्मचारियों में बुजुर्गों की सेवा का अभाव जरूर है। समाज कल्याण अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि समय समय पर वृद्धाश्रम में हालचाल लेने के साथ ही निरीक्षण किया जाता है। कोरोना काल में यहां विशेष सतर्कता रखी जा रही।
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न हेल्पलाइन न ही कोई लेता सुध
जिले में कई ऐसे बुजुर्ग हैं जो अकेले घर में रहते हैं, लेकिन उन तक विभाग या पुलिस के लोग नहीं पहुंच पाते। पहले बीट सिपाही को जिम्मेदारी दी गई थी कि वह ऐसे बुजुर्गों का नाम पता रखें व समय समय पर उनका हालचाल लें। समय के साथ सब ठंडे बस्ते में चला गया। जिले में न कोई हेल्पलाइन है और न कोई विभाग या पुलिस जो बुजुर्गों की सुध लेता है।