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कहिंजरी में धनुष भंग लीला का लोगों ने लिया आनंद

संवाद सहयोगी रसूलाबाद गणेश महोत्सव में जगह-जगह पूजा पंडालों में पहुंचकर भक्तों ने दर्शन-

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 04:37 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 04:37 PM (IST)
कहिंजरी में धनुष भंग लीला का लोगों ने लिया आनंद
कहिंजरी में धनुष भंग लीला का लोगों ने लिया आनंद

संवाद सहयोगी, रसूलाबाद : गणेश महोत्सव में जगह-जगह पूजा पंडालों में पहुंचकर भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। कहिजरी में आयोजित रामलीला में धनुष भंग लीला मंचन का सभी ने आनंद लिया और जमकर भगवान के जयकारे लगाए।

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धर्मगढ़ बाबा मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं में राम दर्शन पांडेय, अनिल ओमर, रामूगुप्ता, मुरारी लाल कुशवाहा, अजय मिश्रा, गोलू द्विवेदी, राजू सिंह गौर ने गणेश जी का पूजन अर्चन किया। इस दौरान सभी के निरोगी रहने की कामना की। कहिजरी स्थित चुन्नीलाल पार्क में चल रहे गणेश महोत्सव में रविवार देररात धनुष भंग की लीला का आयोजन हुआ। इसमें मां सीता का विवाह शिव धनुष न टूटने के कारण न होने की दशा में जनक विलाप देख दर्शकों की आंखें भी नम हो गर्इं। भगवान श्रीराम ने जैसे ही धनुष तोड़ा पूरा पंडाल जय श्रीराम से गूंज उठा। इसके बाद भगवान परशुराम क्रोध में आते हैं और धनुष को टूटा देख क्रोधित होकर कहते हैं कहु जड़ जनक धनुष केहि तोड़, यह सुनकर सारे दरबार में सन्नाटा छा गया। इस पर भगवान श्रीराम ने कहा कि नाथ शंभु धनु भंजनिहारा, होइहि कोउ एक दास तुम्हारा। इसके बाद लक्ष्मण की व्यंग्य भरी बातों से क्रोधित हुए परशुराम ने कई बार फरसा उठाया कितु वह उठा नहीं तब उन्होंने कहा कि बहइ न हाथु दहइ रिस छाती, भा कुठारु कुंठित नृपघाती। इसके बाद भगवान श्रीराम की सच्चाई जानकर परशुराम उन्हें नमन कर चले जाते हैं। लोगों ने परशुराम व श्रीराम का मंचन कर रहे कलाकारों की जमकर तारीफ की।


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