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कभी था तालाब, अब क्रिकेट का मैदान

संवाद सहयोगी झींझक जल संरक्षण की मुहिम तभी सही रंग लाएगी जब जिम्मेदार जागेंगे और इसके

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 05:56 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 05:56 PM (IST)
कभी था तालाब, अब क्रिकेट का मैदान
कभी था तालाब, अब क्रिकेट का मैदान

संवाद सहयोगी, झींझक : जल संरक्षण की मुहिम तभी सही रंग लाएगी जब जिम्मेदार जागेंगे और इसके लिए सामूहिक प्रयास किया जाएगा। तालाब सूखे पड़े हैं और कई जगह तो यह मैदान का रूप ले चुके हैं। झींझक के खमहैला गांव के तालाब में पानी नहीं है। बच्चे यहां क्रिकेट खेलते हैं। तालाब का यह स्वरूप देखकर जल संरक्षण की मुहिम को झटका लग रहा है।

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खमहैला गांव में जल संरक्षण के लिए एक दशक पूर्व आदर्श तालाब बनाया गया था और जल एकत्र करने के लिए व्यवस्था की गई थी। इसके चारों तरफ पौधारोपण भी किया गया व लोगों के बैठने के लिए सीट भी लगवाई गई। उम्मीद थी कि बारिश की बूंदें यहां एकत्र होंगी और तालाब लबालब भर जाएगा। कुछ समय तक तो इसमें पानी भरा रहा, लेकिन इसकी सुध न लेने से पहले पौधे नष्ट हुए, इसके बाद पानी भी यहां का सूख गया। धीरे-धीरे तालाब का स्वरूप भी बदल गया। इस दौरान जिम्मेदारों के अलावा गांव के लोगों ने भी इसका महत्व नहीं समझा और समय के साथ इसकी हालत बिगड़ गई। आज हाल यह है कि यहां पर बच्चे क्रिकेट खेलते हैं जहां कभी पानी होता था वहां धूल उड़ रही है। जल संरक्षण की सरकारी मंशा यहां पूरी होती नहीं दिख रही है। ग्रामीण भी सरकारी विभाग के भरोसे रहकर इसकी सुध नहीं लेते जबकि तालाब भरा रहने से यहां का भूगर्भ जल स्तर काफी अच्छा रहता था। ब्लॉक के एडीओ रजनीश वर्मा ने बताया कि सभी ग्राम सचिवों से ग्राम पंचायत में तालाब भरे हैं या खाली इसकी सूची तैयार कराई जा रही है। सूची आते ही जिन तालाबों में पानी नहीं है उनमें पानी भराया जाएगा।


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