वृद्ध हो या बच्चे ट्रैक पार करना सब की मजबूरी
मंगलवार को मासूम व मां की ट्रेन से कटकर हुई थी मौत रेलवे ओवरब्रिज के बिना खतरे से जूझते ग्रामीण
संवाद सूत्र शिवली : दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन पर मैथा रेलवे स्टेशन पर ओवरब्रिज ना होने के कारण ग्रामीणों को रोजाना जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन पार करनी पड़ती है। कई बार लोग रेलवे लाइन से गुजरते समय हादसे का शिकार हो चुके। रेलवे विभाग के अधिकारी व जनप्रतिनिधियों से ग्रामीणों ने ओवरब्रिज बनाने की कई बार मांग की लेकिन हुआ कुछ नहीं।
अतिव्यस्त रहने वाली दिल्ली हावड़ा रेलवे लाइन पर प्रतिदिन करीब 300 ट्रेनें गुजरती है। मैथा स्टेशन पर ओवरब्रिज ना होने के कारण क्षेत्र के सुनवर्षा, कैरानी, बेहटा, नहेड़ी, दलपतपुर, बिवाइन व अलियापुर गांव के लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर मैथा बाजार जाने के लिए रेलवे लाइन पार करना पड़ता है। इतना ही नहीं छात्र छात्राएं भी इसी रेलवे लाइन का सहारा स्कूल जाने के लिए लेते है। जहां हर पल जाते समय सतर्क रहना पड़ता है। कई बार लोग ट्रेन की चपेट में आकर काल के गाल में समा जाते है। 11 नवंबर की देर शाम मैथा बाजार रेलवे लाइन पार करने के दौरान मालगाड़ी की चपेट में आकर सुनवर्षा गांव निवासी पूनम तथा उसकी मासूम पुत्री रिया की मौत हो गई थी। मैथा स्टेशन मास्टर इमरान ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा विभाग के अधिकारियों से स्टेशन पर ओवरब्रिज बनवाए जाने की मांग की गई है। मंजूरी मिलने पर ओवरब्रिज का काम होगा।
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ग्रामीणों ने रेलवे विभाग के उच्चाधिकारियों को कई बार रजिस्ट्री भेजकर स्टेशन पर ओवरब्रिज बनवाए जाने की मांग की गई है, लेकिन अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया है। बिन ओवरब्रिज आए दिन हादसे होते है।
अखिलेश सिंह, सुनवर्षा गांव रेलवे लाइन से गुजरते समय हम लोग बेहद चौकन्ने रहते हैं। जरा सी चूक सीधे हादसे को बुलावा देती है। लेकिन इसके बाद भी कई बार लोग ट्रेन की चपेट में आ जाते है। जल्द यहां पर ओवरब्रिज बनना चाहिए।
प्रदीप कुमार, कैरानी गांव