Muneem Murder Case Kanpur: घटना को बीते डेढ़ माह, लेकिन पुलिस के हाथ अब भी नहीं लग सके अपराधी
मिर्जापुर के खैरागांव निवासी 22 वर्षीय लवकुश यादव उर्फ छोटू की बीते 8 नवंबर को मारपीट के बाद गला घोंटकर हत्या करके डेढ़ लाख की नकदी लूट ली गई थी। नौ नवंबर को ट्रांसपोर्ट के मालिक आरिफ सिद्दीकी कंपनी पहुंचे तो शटर बंद मिला था।
कानपुर, जेएनएन। आज से करीब डेढ़ माह पूर्व बाबूपुरवा के टीपी नगर स्थित एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के मुनीम के साथ मारपीट की गई थी और फिर उसके बाद मुनीम से डेढ़ लाख की नकदी लूटकर उसकी हत्या कर दी गई थी। काफी समय हो जाने के बाद भी पुलिस हत्यारों का सुराग नहीं लगाने में असफल सिद्ध हुई है। हालांकि इस दौरान पुलिस ने कई बिंदुओं पर छानबीन की, लेकिन पुलिस के हाथ न तो कोई सुराग लगा और न ही जांच एक कदम आगे बढ़ी है।
ये था पूरा मामला
टीपी नगर स्थित बरेली हल्द्वानी गुड्स कैरियर ट्रांसपोर्ट कंपनी में मिर्जापुर के खैरागांव निवासी 22 वर्षीय लवकुश यादव उर्फ छोटू की बीते 8 नवंबर को मारपीट के बाद गला घोंटकर हत्या करके डेढ़ लाख की नकदी लूट ली गई थी। नौ नवंबर को ट्रांसपोर्ट के मालिक आरिफ सिद्दीकी कंपनी पहुंचे तो शटर बंद था। कई बार लवकुश को फोन मिलाया, लेकिन नहीं उठा काफी प्रयास के बाद भी दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने शटर के कुंडे तुड़वाए। अंदर जाकर देखा तो लवकुश का शव बिस्तर पर पड़ा था। जब उनकी नजर काउंटर की दराज पर पड़ी तो वे सन्न रह गए। उन्होंने देखा कि वहां से डेढ़ लाख की नकदी भी गायब थी। सूचना पर पहुंची पुलिस पुलिस और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए थे। वहीं पोस्टमार्टम में मारपीट के बाद गला घोंटकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई थी।
पुलिस में जांच में अब तक
घटना का राजफाश करने के लिए सीसीटीवी फुटेज निकलवाने के प्रयास किए तो कैमरों के फोकस आउट मिले थे। जबकि सीडीआर से भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा था। घटना में पुलिस ने बाइक मिस्त्री समेत सात संदिग्धों को उठाकर पूछताछ की,लेकिन सफलता न मिलने पर पुलिस ने उसे छोड़ दिया था।
इनका ये है कहना
इस बारे में थाना प्रभारी बाबूपुरवा जनार्दन प्रताप सिंह ने बताया कि अब तक की छानबीन में बाइक मिस्त्री की भूमिका संदिग्ध थी, लेकिन उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले थे। जिसके चलते उसे छोड़ दिया गया है। हालांकि पुलिस अभी उस पर निगाह बनाए हुए है।