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प्रवासी श्रमिकों का पलायन हुआ तेज, गांव की आई याद

जागरण संवाददाता कानपुर देहात दिल्ली समेत दूसरे राज्य में लॉकडाउन लगाए जाने से प्रवासी श्रि

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 09:13 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 09:13 PM (IST)
प्रवासी श्रमिकों का पलायन हुआ तेज, गांव की आई याद
प्रवासी श्रमिकों का पलायन हुआ तेज, गांव की आई याद

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : दिल्ली समेत दूसरे राज्य में लॉकडाउन लगाए जाने से प्रवासी श्रमिकों का पलायन तेज हो गया है। कई दिनों से लोग ट्रेन, बस या निजी साधन से आ रहे थे लेकिन मंगलवार को इस संख्या में इजाफा हुआ। प्रवासियों का कहना है कि गांव में रहकर रोजी रोटी की चिता नहीं होगी और संक्रमण से भी बचेंगे।

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बीते एक सप्ताह से मुंबई में काम कर रहे यहां के लोगों ने आना शुरू कर दिया था। वहीं इसके बाद दिल्ली व राजस्थान से भी लोग यहां आने लगे। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है और लोग काम धंधा बंद कर दूसरे राज्य से अपने गांव लौट रहे हैं। मंगलवार को अकबरपुर, मुंगीसापुर, झींझक, मंगलपुर व बाकी क्षेत्र में रोडवेज, निजी बसों, ट्रेन व बाकी साधन से लोग पहुंचे। यहां आने के बाद लोगों को सुखद अनुभूति हुई। अकबरपुर के प्रवासी श्रमिक राधेश्याम व अंकेश ने बताया कि वह दिल्ली में चाट का ठेला लगाते हैं। संक्रमण शुरू होने के साथ ही लोगों ने दुकान पर आकर खाना बंद कर दिया था, लेकिन अब तो डर सताने लगा था कि कहीं कोरोना के चपेट में आकर जान न गवां बैठे। इसके लिए सबसे बढि़या अपना गांव है कि जहां खाने को दाल रोटी तो मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि उनके कई साथी पहले ही यहां पर आ चुके थे।

मनरेगा से रोजगार दिलाने का प्रयास

गांव को लौटकर आ रहे प्रवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार दिलाने के लिए फिर से मनरेगा ही सहारा बनेगा। इसके लिए अधिकारियों ने कार्ययोजना बना ली है और बीडीओ को साफ निर्देश दिए गए हैं कि ग्राम सचिव व निगरानी समिति की मदद से प्रवासियों का पता कर उन्हें रोजगार दें। सीडीओ सौम्या पांडेय ने बताया कि रोजगार देने के निर्देश दिए गए हैं।

जांच व क्वारंटाइन सेंटर का नहीं इंतजाम

प्रवासी लौटकर आ रहे हैं, लेकिन रेलवे स्टेशन के साथ ही प्रमुख चौराहों पर अभी तक जांच का इंतजाम नहीं है। इसके साथ ही कोई आंकड़ा भी अभी नहीं रखा जा रहा। इसके अलावा क्वारंटाइन सेंटर भी अभी शुरू नहीं किए जा सके हैं।


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