कानपुर देहात में जिम्मेदारों की उदासीनता ही बन रही हादसों की वजह
जागरण संवाददाता कानपुर देहात सुगम व सुरक्षित यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस व परिव
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : सुगम व सुरक्षित यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस व परिवहन विभाग की ओर से अभियान चलाकर नियमित चेकिग की जाती है। इसके साथ ही बाजार, चौराहा सहित अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पुलिस के सिपाही तैनात रहते हैं, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण यातायात के नियम तार तार होते हैं। वहीं संसाधनों का अभाव भी इसमें बाधा का कारण बनता है।
कानपुर-इटावा व झांसी-कानपुर को समाहित करने वाले जिले से प्रतिदिन 25 हजार से अधिक वाहनों का आवागमन होता है। इसके साथ ही कस्बा व ग्रामीण क्षेत्रों में भी वाहनों के आवागमन की संख्या कम नहीं है। सुरक्षित यातायात के लिए परिवहन विभाग की ओर से अभियान चला इन्हें जागरूक करने के साथ की चेकिग भी की जाती है। इसके साथ ही ऐसे वाहन सवारों पर निगरानी के लिए परिवहन विभाग के दो एआरटीओ के साथ ही चार सिपाही टोल प्लाजा के साथ ही अन्य संभावित स्थानों पर चेकिग करते हैं, बेहद कम स्टाफ होने के साथ ही संसाधनों की स्थिति यह है कि निर्धारित गति चेक करने के लिए परिवहन विभाग के पास एक ही वाहन है, जिस पर प्रयागराज, कानपुर व बांदा मंडल के 14 जिलों की जिम्मेदारी है। वहीं यातायात पुलिस बाजार, मुख्य चौराहों के साथ ही भीड़भाड़ वाले अन्य स्थानों पर तैनात रहती है, लेकिन उनका उदासीन रवैया बेपरवाह वाहनों चालकों पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है। वहीं जिम्मेदारों की अनदेखी का फायदा उठाकर वाहन सवार न केवल स्वयं बल्कि आमजन के लिए भी अनहोनी का कारण बन रहे हैं। यातायात नियमों की अनदेखी के कारण ही वर्ष 2020 में अब तक 433 लोग सड़क हादसे का शिकार हुए हैं, जिसमें 233 लोगों ने अपनी जान गवां दी है।
इंसेट
यातायात नियमों की अनदेखी करने वाले वाहन सवारों के खिलाफ विभाग की ओर से कार्रवाई की जाती है। इसके साथ ही समय समय पर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं, लेकिन संसाधन के अभाव में 24 घंटे निगरानी संभव नहीं है। - मनोज वर्मा, एआरटीओ प्रशासन