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आम नहीं यहां तो खास ही कर रहे नियमों की अनदेखी

जागरण संवाददाता कानपुर देहात वाहन सवारों को सुगम व सुरक्षित यातायात देने के लिए टोल प्ल

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 12:51 AM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 12:51 AM (IST)
आम नहीं यहां तो खास ही कर रहे नियमों की अनदेखी
आम नहीं यहां तो खास ही कर रहे नियमों की अनदेखी

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात :

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वाहन सवारों को सुगम व सुरक्षित यातायात देने के लिए टोल प्लाजा पर फास्टैग व्यवस्था लागू की गई, लेकिन फास्टैग व्यवस्था को ध्वस्त करने के लिए जिले के आम नहीं बल्कि खास लोग जिम्मेदार हैं। बारा टोल प्लाजा के आंकड़ों के अनुसार पुलिस, प्रशासन व स्थानीय नेता सहित एक हजार से अधिक वाहन सवार बिना फास्टैग लिए आवागमन कर रहे हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से एक साल पूर्व फास्टैग व्यवस्था शुरू की गई थी। फास्टैग व्यवस्था लागू करने के पीछे प्राधिकरण का उद्देश्य था कि टोल प्लाजा पर जाम व र्इंधन की बर्बादी से निजात मिलेगी। इसके साथ ही पारदर्शिता भी आएगी। करीब डेढ़ माह पूर्व फास्टैग को अनिवार्य किया गया, जिसके बाद बारा टोल से गुजरने वाले 93 फीसद वाहन फास्टैग हो गए। वहीं शेष सात फीसद वाहन सवारों में दो फीसद वाहन सवार दोगुना चार्ज देकर आवागमन कर रहे हैं। पांच फीसद वाहन सवार बिना फास्टैग के आवागमन कर रहे हैं। बारा टोल प्लाजा की ओर से मार्च मध्य में करीब 15 दिनों के संरक्षित किए गए आंकड़ों में यह तथ्य सामने आए हैं। बिना फास्टैग के टोल से गुजरने वाले वाहनों में पुलिस के 400, स्थानीय नेताओं के 84 व माती पहुंचने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के भी 200 वाहन शामिल हैं, जिससे इनकी कुल संख्या 1129 है। फास्टैग प्रयोग न करने के कारण 93 फीसद वाहन सवारों को भी समस्या से जूझना पड़ता है और कई बार जाम का सामना करना पड़ता है।

सरकारी वाहनों को फास्टैग से राहत

पुलिस, सेना, एंबुलेंस के साथ ही सांसद, विधायक, एमएलसी जैसे लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से टोल टैक्स से राहत जरूर दी गई है, लेकिन वाहन में फास्टैग सभी के लिए अनिवार्य है। एनएचएआइ की वेबसाइट पर जाकर इन्हें वाहन का पंजीयन करना होता है।

बिना फास्टैग गुजरने वाले वाहन

वाहन संख्या

एंबुलेंस - 200

सेना - 155

पुलिस - 490

प्रशासनिक - 200

स्थानीय राजनीतिक लोग - 84

लोकल पास - 6210

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वाहन सवारों को फास्टैग के फायदे के बारे में बराबर जागरूक किया जा रहा है। इससे ही फास्टैग का फीसद 93 तक पहुंचा, लेकिन अब पुलिस-प्रशासन के साथ ही अन्य खास वर्ग के 1129 वाहन स्वामी फास्टैग की अनदेखी कर रहे हैं।

- अमित विक्रम, सीनियर टोल मैनेजर

फास्टैग सभी वाहनों के लिए अनिवार्य है। सरकारी गाड़ी के साथ ही जनप्रतिनिधियों को एनएचएआइ की वेबसाइट पर जाकर पंजीयन कराना होता है, जिससे उन्हे फास्टैग उपलब्ध होता है। इन्हें टोल शुल्क नहीं देना होता है। - पंकज मिश्रा, पीडी एनएचएआइ


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