कब तक खलती रहेंगी, आग में जलती रहेंगी बेटियां
संवाद सहयोगी भोगनीपुर कब तक खलती रहेंगी बेटियां आग में जलती रहेंगी बेटियां.. जीवन क
संवाद सहयोगी, भोगनीपुर : कब तक खलती रहेंगी बेटियां, आग में जलती रहेंगी बेटियां.., जीवन की आपाधापी में समय किसी के पास नहीं..जैसी कविताएं सुनकर कवियों ने बेटियों के महत्व को बताया। इसके साथ ही विधायक विनोद कटियार को जन्मदिवस की बधाई दी।
विधायक भोगनीपुर विनोद कटियार के जन्मदिवस के अवसर पर शुक्रवार को प्रेमा कटियार शिक्षण संस्थान में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि कमलेश द्विवेदी ने हिन्दू-मुस्लिम एकता की कविता सुनाते हुए कहा कि मैंने कहा असला वालेकुम चच्चा, चच्चा बोले राम-राम बच्चा, हमने कहा चच्चा रामजी से तुम्हारा क्या नाता है, चच्चा बोले भारत हमारी जाति गो हमारी माता है सुनाकर तालियां बटोरी। कवि संदीप उर्फ अचानकजी ने अपनी कविता में जीवन की आपाधापी में समय किसी के पास नहीं है, दास समय के दास सभी पर, समय किसी का दास नहीं है कविता सुनाई। वहीं कवयित्री अंकिता शुक्ला ने कब तक खलती रहेंगी बेटियां, आग में जलती रहेंगी बेटिया, कोख में भी अंकिता मजबूर है मौत मे पलती रहेंगी बेटियां कविता सुनाकर भ्रूण हत्या पर व्यंग्य किया। उन्होंने दिल में मची हलचल अपार, क्या बोले हम सरकार, लगता है हो गया है प्यार, कविता सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रभारी मंत्री महेशचंद्र गुप्ता ने इस दौरान पहुंचकर लोगों से कहा कि यहां के विधायक जनता की सेवा में सही से लगे हैं। इस दौरान जिलाध्यक्ष अविनाश चौहान, राजेश सिंह चौहान, मलखान सिंह, नीरज पांडेय, हेमंत सिंह हेमू मीडिया प्रभारी विकास मिश्रा,संजीव कुलश्रेष्ठ, संजीव सार्थक, अनूप कटियार, विधायक विनोद कटियार के पिता नत्थू सिंह कटियार, अनूप सचान मौजूद रहे।
15 वर-वधू ने थामा एक दूजे का हाथ
जन्म दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत 15 वर-वधू ने एक दूजे का हाथ थामा। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सात फेरे लेकर साथ रहने की कसमें खाई। इस दौरान एसडीएम दीपाली भार्गव, ईओ रामअचल कुरील, सभासद संजय सचान, संदीप कटियार मौजूद रहे।
सैंया मिले लरकइयां मैं क्या करूं.. पर मालिनी ने मन मोहा
भोगनीपुर : लोकगीतों से प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कार्यक्रम में समा बांध दिया। उन्होंने लोगों की मांग पर सैंया मिले लरकइयां मैं क्या करूं सुनाया तो सभी झूमने को मजबूर हो गए। इसके बाद उन्होंने भगवान श्रीराम के जन्म के अवसर पर बाजे अवध में बधइया सुनाया तो सभी ने जमकर ताली बजाई। रात तक उनके गीतों पर लोग झूमते रहे।