बूढ़ी धमनियों में लोकतंत्र की जय जयकार
जागरण संवाददाता कानपुर देहात पुराने घी में बड़ी ताकत है बुजुर्गों की यह कहावत मतदान
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: 'पुराने घी में बड़ी ताकत है, बुजुर्गों की यह कहावत मतदान के दिन साबित भी हुई। 90 साल की मुन्नीदेवी अकबरपुर पोलिग बूथ पर सुबह आठ बजे ही पहुंच गईं। उनका हौसला देख वहां खड़े मतदाता ही नहीं बल्कि बूथ मित्र भी दौड़े आए और उन्हें मदद कर साथ ले गये। वह अकेली ऐसी नहीं थी, हर बूथ पर ऐसे कई मतदाता थे, आलस्य में वोट देने न जाने वालों को तस्वीर दिखा रहे हैं।
भले ही किसी का सहारा लेकर बूथ तक आए, लेकिन बुजुर्ग मतदाताओं की बढ़चढ़ कर हुई भागीदारी ने हर वर्ग के मतदाताओं को उत्साहित कर दिया। 75 वर्षीय रामदुलारी व नुनारी बहादुरपुर में 91 वर्षीय रमादेवी व्हीलचेयर के सहारे पोलिग बूथ पर पहुंची। जब लोग धूप से बचने को छांव तलाश रहे थे, वह बिना उसकी परवाह किये वोट डालने पहुंच गईं। गजनेर के पोलिग बूथ पर 80 साल की नजमा परिवार के साथ वोट देने पहुंची। मूसानगर बांगर में शिवधनी मौर्य 85 वर्ष लकड़ी के सहारे सीपी इंटर कॉलेज के बूथ पर वोट डालने पहुंची। इसी केंद्र पर शयामा देवी 94 वर्ष अपने भतीजे राधेश्याम के साथ वोट डालने पहुंची। शिवली क्षेत्र के 96 वर्षीय ओमकार नाथ बाजपेयी मतदान करने पहुंचे। 95 वर्षीय हरनाम सिंह कमालपुर बूथ पर वोट डालने पहुंचे। इनका उत्साह देख कर हर कोई उत्साहित दिखा। 75 साल की छुम्मी बेगम डेरापुर बूथ पर अपना वोट डालने पहुंची। चलने में दिक्कत के कारण परिजन व्हीलचेयर पर लेकर इन्हें पहुंचे। इटावा लोकसभा के संदलपुर ब्लाक के धरमपुर गांव निवासी 110 वर्षीय भीखा प्रसाद चिलचिताली धूप में वोट डालने पहुंचे। कहा कि चार दशक पहले तक तो लोग चारपाई में लाद कर वोट डालने ले जाये जाते थे। आज तो व्हीलचेयर में बैठा के ले जा रहे हैं। घर से आने के लिए ट्राई साइकिल दी गई है।