भूत बंगला बन गया स्वास्थ्य केंद्र क¨हजरी
संवाद सहयोगी रसूलाबाद, कानपुर देहात : फोटो देखकर चौंकिए नहीं। यह कोई पुराना महल का
संवाद सहयोगी रसूलाबाद, कानपुर देहात : फोटो देखकर चौंकिए नहीं। यह कोई पुराना महल का खंडहर नहीं बल्कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र क¨हजरी में नियुक्त डॉक्टर एवं कर्मचारियों के लिए बनाए गए भवन हैं। इनकी कीमत तो लाखों रुपये की है लेकिन यहां कोई कभी रुका नहीं। जिसकी वजह से यह भवन झाड़-झंखाड़ युक्त खंडहर जैसा दिखने लगे हैं।
क्षेत्रीय निवासियों की मानें तो यह अस्पताल बहुत पुराना है। पहले यह स्थल जिला परिषद के अधीन चला करता था। बाद में यह सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में परिवर्तित हो गया। तब इसके लिए लगभग 15 वर्ष पूर्व आवासीय भवन बनवाए गए। भवनों में रहने का एवं कर्मचारियों के रुकने का बढि़या इंतजाम किया गया था। क्योंकि क¨हजरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से 2 दर्जन से अधिक गांव क¨हजरी खुर्द, मकरन्दपुर क¨हजरी, मित्रसेनपुर क¨हजरी, बड़ागांव, कपराहट, औझान, धन्नीनिवादा, माल का पुरवा, किशनपुर, केसीपुर, मुरलीपुर, मल्लाहन पुरवा, भौथरी, पोवा, घासी निवादा, गोकुल निवादा गोपालपुर, रौली आदि जुड़े हैं। इन सभी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निदान के लिए यह अस्पताल
बनवाया गया था। इन गांवों में रहने वालों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निदान हेतु मौजूदा समय में अस्पताल में डॉक्टर अंशुल मिश्रा ,फार्मेसिस्ट रेखा श्रीवास्तव एवं चतुर्थ श्रेणी के सुमित कुमार की नियुक्ति है । ¨कतु इन में कोई भी व्यक्ति यहां नहीं रुकता। इससे यहां आने वाले मरीजों को डॉक्टरों के आने का इंतजार रहता है यहां नियुक्त डॉक्टर भी मरीजों की सेवा कम, जाने के लिए घड़ी पर निगाह अधिक रखते हैं। डॉक्टर एवं कर्मचारियों के यहां न रुकने के कारण उनके लिए बनवाए गए भवन अब धीरे-धीरे खंडहर का स्वरूप लेते जा रहे हैं। कई बार यहां डॉक्टर के न रुकने की शिकायत क्षेत्रीय निवासियों एवं प्रधानों ने की जिलाधिकारी सहित अन्य आला अफसरों से की। ¨कतु कोई असर नहीं हुआ।