ट्रेनों के पहियों में कोहरे की 'बेड़ियां'
संवाद सहयोगी, झींझक (कानपुर देहात) : घने कोहरे का सर्वाधिक असर ट्रेनों के संचालन पर पड़ा
संवाद सहयोगी, झींझक (कानपुर देहात) : घने कोहरे का सर्वाधिक असर ट्रेनों के संचालन पर पड़ा। सोमवार को अप व डाउन की दर्जन भर ट्रेनें देरी से चलीं। इसमें डाउन की ऊंचाहार एक्सप्रेस सबसे अधिक 6 घंटे विलंबित रही। इससे स्टेशन पर मौजूद यात्रियों को काफी दिक्कत हुई।
विलंबित ट्रेनों के बारे में जानकारी करने के लिए लोग स्टेशन के पूछताछ काउंटर पर खड़े दिखे तो बड़ी संख्या में लोग प्लेटफार्म पर ठिठुरते नजर आए। झींझक स्टेशन पर ठहराव वाली डाउन की फफूंद कानपुर मेमो एक घंटा, शिकोहाबाद कानपुर मेमो 2 घंटा, टूंडला कानपुर मेमो 1 घंटा, मुरी एक्सप्रेस 3 घंटा तथा महानंदा एक्सप्रेस अनिश्चितकालीन लेट रही। अप की कानपुर टूंडला मेमो 2 घंटा, शाम 4 बजे आने वाली कानपुर टूंडला मेमो एक घंटा, अप की मुरी एक्सप्रेस 4 घंटा तथा महानंदा एक्सप्रेस अनिश्चितकालीन देरी से चल रही है जबकि अप व डाउन की आगरा लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस तथा तूफान एक्सप्रेस अग्रिम आदेश तक रद हैं। इसके कारण लोगों को घंटों ठिठुरने के बाद वैकल्पिक व्यवस्था से यात्रा करनी पड़ी। झींझक स्टेशन पर मंगलपुर के अतुल कुमार, मुड़ेरा के राघवेंद्र पांडेय व संदलपुर के पप्पू चौहान तथा झींझक के कुलदीप राजपूत ने बताया कि कानपुर जाने को स्टेशन आए थे परंतु ट्रेन लेट होने के कारण ठंड में काफी मुश्किल हुई। स्टेशन पर कैंटीन भी नहीं है, चाय भी नहीं मिल सकी। मजबूरन वैकल्पिक व्यवस्था से यात्रा करनी पड़ रही है। स्टेशन मास्टर रवि वर्मा ने बताया कि कोहरे के कारण प्रत्येक स्टेशन के बीच लगे फॉग सिग्नल चालू हैं। ट्रेनों को धीमी गति से गुजारा जा रहा है। अप व डाउन की अधिकतर ट्रेनें लेट चल रही हैं। ठेका न उठ पाने के कारण अभी कैंटीन बंद है।