मसाला उद्योग में एक समान जीएसटी चाहते हैं उद्यमी
जागरण संवाददाता कानपुर देहात कच्चे माल के दामों में हुई बढ़ोतरी से मसाला उद्योग प्रभावि
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : कच्चे माल के दामों में हुई बढ़ोतरी से मसाला उद्योग प्रभावित हुआ है। उद्योग को फिर से रफ्तार दिलाने के लिए जीएसटी में समानता लाने के साथ ही ऋण ब्याज में भी राहत देने से व्यापार को गति मिलेगी। इसके साथ ही सरकार की ओर से बजट में विशेष पैकेज देने होंगे, जिससे नए स्टार्टअप खड़े हों।
कोरोना संक्रमण काल में सभी उद्योगों पर बुरा प्रभाव पड़ा है, लेकिन मसाला उद्योग ने विपरीत परिस्थितियों में भी स्थिति को नियंत्रण में रखा है। लॉकडाउन के बाद कच्चे माल में बढ़ोतरी हुई है, जिससे लागत बढ़ने से इसका प्रभाव आमजन पर पड़ रहा है। आगामी बजट से मसाला उद्योग से जुड़े उद्यमियों को सकारात्मक उम्मीद है। उद्यमियों का मानना है कि मसाला उद्योग ही नहीं बल्कि अन्य उद्योगों पर भी लॉकडाउन ने असर डाला है। इसमें कुछ की स्थितियां बिगड़ी हैं तो कुछ ने विपरीत परिस्थितियों में भी उत्पादन प्रभावित नहीं होने दिया। अब इन्हें फिर से रफ्तार देने के लिए सरकार को बजट में विशेष पैकेज देने होंगे। राहत पैकेज मिलने से उद्यमियों को तमाम समस्याओं से उबरने का अवसर तो मिलेगा ही वहीं अन्य नए स्टार्टअप भी आएंगे।
उद्यमियों के बयान
जीएसटी की दरें हो समान
उद्यमी विवेक पाठक बताते हैं कि कच्चे माल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं सरकार की ओर से जीएसटी को लेकर अलग अलग दरें निर्धारित की गई हैं। कच्चे माल पर पांच फीसद जीएसटी लगती है तो तैयार माल पर 18 फीसद की दर से जीएसटी लगती है। बजट में सरकार को इसको लेकर विचार करना होगा। खाद्य क्षेत्र से जुड़ा होने के कारण यह आवश्यक वस्तुओं में आता है। इसलिए जीएसटी की दरों में राहत देते हुए समानता रखनी चाहिए। इससे उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी। बैंक ऋण में दी जाए सहूलियत
उद्यमी रिकू शुक्ला बताते हैं कि सरकार की ओर से उद्यमियों के लिए राहत दी गई है, लेकिन बजट में विशेष पैकेज देना होगा। इससे मसाला उद्योग को रफ्तार मिलेगी।इसके साथ ही बैंक से ऋण को लेकर भी नियमों को सरल करना होगा, क्योंकि सरकार के निर्देश के बाद भी बैंक की ओर से उद्यमियों को आम तौर पर ऋण नहीं मिल पाता। इसको लेकर बजट में कुछ राहत मिले तो नए स्टार्टअप को मौका मिलेगा।