विभाग व पुलिस के लिए समस्या बने बिजली चोर
बिजली चोर विभाग व पुलिस के लिए बन रहे समस्या
विभाग व पुलिस के लिए समस्या बने बिजली चोर
केस एक
झींझक कस्बे के शंकरगंज मुहल्ले के बिजली केंद्र पर ओवरलोड के कारण रविवार रात को फाल्ट हो गया था, जिस पर क्षेत्रीय लोगों ने उपकेंद्र पर पहुंच हंगामा करते हुए तोड़फोड़ का प्रयास किया। इसके साथ ही विभागीय कर्मियों के साथ अभद्रता की, जिस पर बिजली विभाग ने 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इस दौरान पुलिस को स्थिति काबू करना पड़ा।
केस - दो
बरौर में चार दिन पूर्व नलकूप व घरेलू लाइन में बिजली चोरी के चलते ओवरलोड होने से फाल्ट होने के कारण ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए नारेबाजी की थी। इसके साथ ही विभागीय कर्मियों के साथ अभद्रता का प्रयास किया था। ग्रामीणों को काबू करने के लिए विभागीय कर्मियों ने पुलिस का सहारा लिया, जिसके बाद मामला शांत हो सका।
केस - तीन
करीब एक साल पूर्व बनीपारा गांव में एसडीओ आइसी तिवारी बिजली चेकिंग करने गए थे, जहां अवैध कनेक्शन चला रहे ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए टीम के साथ मारपीट की थी। पुलिस टीम ने बड़ी मुश्किल से हमलावरों को खदेड़ा था। इस पर बिजली विभाग की ओर करीब चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : यह कुछ मामले है जिनसे पता चलता है कि बिजली चोर केवल न विभाग के लिए नुकसानदायक है बल्कि कानून व्यवस्था को भी यह हाथ में लेने से नहीं चूकते हैं। चोरी कर बिजली से घर रोशन करने वाले विभाग के राजस्व को माह दर माह क्षति पहुंचा रहे हैं। अप्रैल माह में ही विभाग को आठ करोड़ राजस्व क्षति का सामना करना पड़ा। अभियान के दौरान भी बिजली चोर पुलिस व विभाग के लिए समस्या खड़ी करते रहे हैं। इसमें पुलिस को भी मशक्कत करना पड़ता है।
जिले में बिजली व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए खपत के अनुसार ही संसाधन की उपलब्धता है। उपकेंद्र से उपभोक्ताओं की संख्या अनुसार ही बिजली का वितरण होता है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 1.50 लाख बिजली उपभोक्ता है, जबकि शहरी क्षेत्र में इनकी संख्या 45 हजार है। इन्हें प्रतिदिन तीन मिलियन यूनिट बिजली की आपूर्ति विभाग की ओर से की जाती है, लेकिन बिजली चोर विभाग के व्यवस्था को बिगाड़ रहे हैं। मीटर बाइपास, कटिया डालकर व लाइनमैन की मिलीभगत से रीडिंग से छेड़छाड़ करते हैं। इससे एक ओर जहां लाइनलास बढ़ता है वहीं उपकेंद्र पर लगे उपकरण भी ओवरलोड होते है। कई बार अभियान चलाने के दौरान बिजली चोर हमलावर हो जाते हैं। अभियंता व बिजली कर्मियों पर हमले के कई मामले सामने आए हैं ऐसे में पुलिस को जाकर कार्रवाई करनी पड़ती है। बिजली चोरों के पुलिस पर हमले का मामला तो कोई सामने नहीं आया। पुलिस विभाग की जहां जरूरत होती है वहां पर सूचना देकर टीम साथ लेकर जाती है। एसपी स्वप्निल ममगाई ने बताया कि बिजली विभाग अगर कहीं अभियान चलाए या कानून व्यवस्था में समस्या लगे तो पुलिस मदद के लिए तत्पर रहती है।
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बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग की ओर से प्रयास जारी है। मौजूदा समय में 13.5 मिलियन यूनिट बिजली लाइन लास में जा रही है, जिसे जल्द ही नियंत्रण में किया जाएगा। अभियान के दौरान कई बार पुलिस की मदद ली जाती है। -
एके वर्मा, अधीक्षण अभियंता