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धरातल पर हों प्रयास तभी सुधरेंगे तालाबों के हालात

संवाद सूत्र मूसानगर बारिश का पानी तालाबों तक नहीं पहुंच रहा है। निजी स्वार्थ के चलते समाज

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 06:29 PM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 06:29 PM (IST)
धरातल पर हों प्रयास तभी सुधरेंगे तालाबों के हालात
धरातल पर हों प्रयास तभी सुधरेंगे तालाबों के हालात

संवाद सूत्र, मूसानगर : बारिश का पानी तालाबों तक नहीं पहुंच रहा है। निजी स्वार्थ के चलते समाज के कुछ लोगों ने तालाब तक जाने वाली नालियों, नालों पर अतिक्रमण कर लिया है। बारिश की बूंदें व गांव से जल निकासी तालाब तक नहीं पहुंच पा रही हैं। इसका खामियाजा सभी वर्गों को उठाना पड़ रहा है और तालाब सूखे के सूखे ही रह गए हैं। जिम्मेदारों की ओर से धरातल पर प्रयास हों तो इसके सार्थक परिणाम अवश्य ही आएंगे।

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मलासा ब्लॉक के जरसेन गांव मे विशालकाय तालाब है। पूर्व में तालाब में बारिश का पानी एकत्र होने से लोगों को सिचाई का संकट नहीं होता था। इसके साथ ही मवेशियों की प्यास भी बुझती थी। इसके साथ ही आग जैसी आपदा होने पर तालाब के पानी का ही प्रयोग किया जाता था, लेकिन लोगों को निजी हित तक ही सीमित होने के बाद तालाब तक पहुंचने वाले नाले व नालियां अतिक्रमण का शिकार हो गई। इससे बारिश का पानी संचय न होने से तालाब सूखने लगा। प्रशासन के निर्देश पर पूर्व में ट्यूबवेल के माध्यम से पानी जरूर भराया गया, लेकिन उसका जल संरक्षण को लेकर खास लाभ नहीं हो सका। वहीं गांव के पास से निकला अकबरपुर रजबहा भी सूख गया। इससे जंगली जानवरों के साथ ही पक्षियों को भी पानी का संकट उत्पन्न हो गया है। कुछ लोग हैं जो जल निकासी की नालियों पर अतिक्रमण करे हैं तो कहीं यह ध्वस्त हो चुकी है। बारिश की बूंदे धरा पर आईं तो लेकिन नालियों से होकर या जल निकासी सिस्टम के जरिए तालाब तक नहीं पहुंचे। वहीं सभी को साथ आना होगा और अगर तालाब के स्वरूप को ही मिलकर ऐसा कर दें कि खोदाई से तालाब तक आसानी से पानी पहुंच जाए तो सार्थक परिणाम हो सकते हैं। इससे जल संरक्षण बेहतर ढंग से होगा। गांव के हरमोहन, प्रदीप, सोनेलाल सहित अन्य लोगों ने बताया कि गांव का पुराने तालाब के सामने ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार लोग मौन हैं। प्रशासन की ओर से निर्देश दिए जाते हैं वास्तव में धरातल पर कार्य हो तो समस्या से निजात मिल सकती है।


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