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डेंगू से केवल चार मौत होने का सीएमओ का दावा

सीएमओ ने सीएमएस को ठहराया जिम्मेदार 203 गांवों में एंटी लार्वा डीटीटी छिड़काव व फॉगिग कराने की कही बात

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 12:19 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 06:01 AM (IST)
डेंगू से केवल चार मौत होने का सीएमओ का दावा
डेंगू से केवल चार मौत होने का सीएमओ का दावा

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : एक तरफ जिले में जहां डेंगू व बुखार से लोग दम तोड़ रहे वहीं दूसरी तरफ जिले में स्वास्थ्य विभाग के मुखिया अपने विभाग की कमी ही दूर नहीं कर पा रहे। जिले में डेंगू से केवल चार मौत होने का दावा सीएमओ ने किया है। इसके अलावा रोगों पर रोकथाम न कर पाने के साथ ही सीएमएस को जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के न होने व सही आंकड़ा न पेश करने का जिम्मेदार बता दिया।

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सीएमओ कार्यालय में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हीरा सिंह ने प्रेसवार्ता में कहा कि जनपद में अभी तक डेंगू से केवल चार मौत ही हुई हैं। अभी तक कुल 75 मामले बुखार संबंधी आए हैं। जिनमें से 44 कानपुर देहात के मामले हैं। वहीं 11 दूसरे जनपदों के हैं। दूसरे 11 मामले पहचान में नहीं आ सके, जांच के लिए अभी नौ मामले गए हैं जिनकी रिपोर्ट अभी आ नहीं सकी है। डेंगू के लिए जिम्मेदार होने के सवाल पर उन्होंने सीधे तौर पर अस्पताल सीएमएस को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि बजट आता है, लेकिन सुविधाएं उन्होंने की नहीं और आंकड़े भी सही से प्रस्तुत नहीं कर सके व न ही उनको बताया। उनसे रिपोर्ट मांगी गई है जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही एंटी लार्वा व डीटीटी का छिड़काव विभाग करा रहा है जिससे मच्छर जनित रोगों पर रोकथाम की जा सके। यहां पर डेंगू के लिए होने वाले एलीजा टेस्ट की सुविधा नहीं है साथ ही प्लेटलेट्स चढ़ाने की भी सुविधा न होने का दुखड़ा उन्होंने रोया। उन्होंने कहा कि एलीजा टेस्ट मेडिकल कालेज कानपुर व उर्सला अस्पताल में होता है। वहीं पर हम मरीज के खून का सैंपल भेजते हैं। वहीं से पुष्टि होने पर ही डेंगू पीड़ित होने की बात मानी जाती है। कहीं से भी अगर कोई जानकारी मिलती कि किसी गांव या क्षेत्र में कोई बीमार है तो हमारी टीम पहुंचकर वहां पर सैंपल लेने के साथ ही छिड़काव कराती है। अभी तक 203 गांव में दवाओं का छिड़काव कराया गया है। इस मौके पर एसीएमओ डॉ. वीके वर्मा मौजूद रहे। बुखार हेल्प डेस्क केवल दिखावा

जिला अस्पताल व सीएचसी में बुखार हेल्प डेस्क केवल दिखावा बनी है। यहां आने वालों को केवल परामर्श देकर विदा कर दिया जाता है वहीं जिला अस्पताल में तो डेस्क पर किसी की तैनाती भी नहीं है। इस सवाल पर सीएमओ ने कहा कि डेस्क अपना काम कर रही है और मरीजों को उचित दिशा निर्देश दिए जाते हैं।


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