मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से किया 21 सड़कों का शिलान्यास
जागरण संवाददाता कानपुर देहात जनपदवासियों को सुगम व सुरक्षित यातायात देने के लिए रविवार क
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जनपदवासियों को सुगम व सुरक्षित यातायात देने के लिए रविवार को मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से 21 सड़कों का शिलान्यास किया। करीब सात करोड़ रुपये की लागत से जल्द ही 19 किमी लंबी सड़कों का निर्माण व तीन सड़कों में पैचवर्क भी कराया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन को निश्चित समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश भी दिए गए।
कलेक्ट्रेट के एनआइसी कक्ष में रविवार को मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सुगम सुरक्षित यातायात के लिए सड़कों का बेहतर होना जरूरी है। सरकार की प्राथमिकता गड्ढा मुक्त अभियान की रही है। पंचायती राज विभाग द्वारा पंचम राज्य वित्त आयोग एवं 15 वें वित्त आयोग के अंतर्गत हॉटमिक्स प्लान्ट पद्धति से अकबरपुर ब्लॉक में नरिहा-रुरवाहार, हसनापुर से अंतूपुरवा, बैजूपुरवा-भुलनीपुरवा, मंगोलपुर-नुसरतपुर मार्ग का निर्माण कराया जाएगा। इसी प्रकार संदलपुर में जैरवा से भंदेमऊ संपर्क मार्ग, राजपुर में सिकंदरा भोगनीपुर से बुधौली सहित करीब 19 किमी लंबे 21 मार्गों का निर्माण सात करोड़ रुपये की लागत से होगा। इसके साथ ही तीन मार्गों पर पैचवर्क का कार्य कराया जाएगा। वहीं जिले के 15 मार्गों की सामान्य मरम्मत कराई जाएगी। शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान मौजूद विधायक प्रतिभा शुक्ला, जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र, सीडीओ सौम्या पांडेय व जिला पंचायत अध्यक्ष राम सिंह को निर्देश दिए कि सड़कों निर्माण निर्धारित समयसीमा में पूर्ण किया जाए। पराली गायों को देने की अपील
संवाद सहयोगी, रसूलाबाद : किसान पराली जला कर वायुमंडल को प्रदूषित न करें, गांव में ही रिक्त पड़े खलिहान व गांव समाज की भूमि पर पराली को एकत्र कर लें। सूचना मिलते ही लेखपाल और पंचायत सचिव पराली को गौशाला भिजवा देंगे। यह अपील एसडीएम अंजू वर्मा ने किसानों से की है।
रविवार को एसडीएम अंजू वर्मा ने बताया कि अभी तक पराली जलाने के मामले में तहसील क्षेत्र में लगभग आधा सैकड़ा किसानों के खिलाफ कृषि विभाग ने 20 मुकदमा दर्ज कराए हैं। 15 किसानों ने शमन शुल्क भी अदा कर दिया है। उन्होंने क्षेत्रीय किसानों से अपील करते हुए कहा खेतों पर पराली जलाने के बजाए गांव में ही खाली पड़ी खलिहान या गांव समाज की भूमि पर पराली एकत्र कर दें जिससे गायों के लिए दान भी हो जाएगा और मुकदमा से बच जाएंगे।