आओ.. इनको भी स्कूल ले चलें हम
-प्रवासी मजदूरों के बच्चों की शिक्षा को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग गंभीर - घर-घर सर्वे कर
-प्रवासी मजदूरों के बच्चों की शिक्षा को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग गंभीर
- घर-घर सर्वे करेंगे शिक्षक,स्कूलों में दिया जाएगा प्रवेश
चारुतोष जायसवाल, कानपुर देहात: भारतीय संविधान में प्रत्येक बच्चों को निश्शुल्क प्राथमिक शिक्षा देने का प्रावधान है। इसके लिए तमाम सरकारी कवायद तो होती ही है। संबंधित विभाग द्वारा विद्यार्थियों के हित में बहुतेरे कार्य भी किए जाते हैं। लाकडाउन ने सभी को प्रभावित किया है। इसी क्रम में गैर प्रांतों से मय परिवार अपने गांव लौटने वालों के पढ़ने वाले बच्चे भी हैं। ये बच्चे जहां अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं वहीं उनके अभिभावक स्कूल में प्रवेश को लेकर फिक्रमंद हैं। उनकी संबंधित परेशानियों को दूर करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने पहल की है। अब स्कूल के शिक्षक उनके घर जाएंगे व सर्वे कर उन्हें स्कूल में प्रवेश कराने की कवायद भी करेंगे। यानि, प्रवासी मजदूरों के बच्चों के जीवन में भी शिक्षा का उजियारा फैलेगा।
कोरोना महामारी के कारण लॉकडॉउन में बड़ी संख्या में दूसरे सूबे से मजदूर वापस लौटकर अपने घरों को आए हैं। उनके बच्चे वहीं पर पढ़ते थे, लेकिन अब यहां आने के बाद आगे पढ़ने की समस्या सामने खड़ी है। क्योंकि कई लोग अब बाहर न जाकर अब यहीं रहने की सोच चुके हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने अब ऐसे बच्चों की सुध लेने की सोची है। उन्हें स्कूल भेजने का अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए क्षेत्रवार शिक्षक घर घर जाकर सर्वे कर ऐसे परिवार की जानकारी जुटाएंगे ताकि उन बच्चों का दाखिला स्कूल में कराया जा सके। वह बाहर किस कक्षा में थे?उनकी बौद्धिक क्षमता का स्तर क्या है? समेत अन्य जानकारी की जाएगी। शिक्षक बच्चों के अभिभावकों से बात कर बच्चों को स्कूल भेजने को कहेंगे।
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'प्रवासी मजदूरों के बच्चों का दाखिला विद्यालय में कराया जाएगा। शिक्षक क्षेत्र में जाकर जानकारी जुटाएंगे और ऐसे लोगों को चिन्हित करेंगे। विभाग ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है।' - सुनील दत्त, बीएसए