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मुसाफिर चलना संभलकर ..कठिन है यहां की डगर

विष्णुभूषण मिश्रा रसूलाबाद रसूलाबाद-लहरापुर रोड पर रोडवेज बस फर्राटा भरते जाती है

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 12:09 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 12:09 AM (IST)
मुसाफिर चलना संभलकर ..कठिन है यहां की डगर
मुसाफिर चलना संभलकर ..कठिन है यहां की डगर

विष्णुभूषण मिश्रा, रसूलाबाद

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रसूलाबाद-लहरापुर रोड पर रोडवेज बस फर्राटा भरते जाती है, लेकिन इसके पहिये तब थम जाते हैं जब यह सियारी नाला पुल पर पहुंचती है। बस में सवार हर यात्री यहां पहुंचते ही दहशत में आ जाता है और उसकी हिम्मत नहीं होती कि पुल को बस में सवार होकर पार कर सके। पुल की जर्जर हालत व टूटी रेलिग के कारण सभी यात्री पैदल ही पुल को पार करते हैं यहां तक परिचालक भी उतर जाता है। चालक बस को भगवान का नाम लेकर किसी तरह पार करता है और पुल पार होने पर यात्री फिर सवार हो जाते हैं। दो विभागों के बीच में पुल मरम्मत का काम फंसा हुआ है और रोजाना यहां इसी तरह परिचालन होता है।

रसूलाबाद के रास्ते औरैया आने जाने वाले वाहन सवारों को सियारी नाला पुल से ही होकर गुजरना पड़ता है। वर्षों पहले यहां सिचाई विभाग की पुलिया थी उसी से जोड़कर पुल भी बना दिया गया। बीते दो माह से जर्जर पुलिया की रेलिग भी टूट गई। अब जब बड़े वाहन यहां से गुजरते हैं तो जरा सी चूक नहीं करते क्योंकि उन्हें पता है कि सीधे पुल के नीचे जाकर गिरेंगे। सबसे ज्यादा खतरा रोडवेज यात्रियों के लिए है। पुल पर आते ही बस रोकने के बाद सभी यात्री उतरकर पैदल चलते हुए पुल को पार करते हैं। सभी के उतर जाने के बाद चालक अकेला ही बस को बहुत सावधानी से लेकर पुल को पार करता है। इस दौरान सामने से परिचालक देखता है कि कहीं बस का पहिया टूटी रेलिग के तरफ तो नहीं जा रहा है। पुल पार होने के बाद फिर यात्री बस में सवार हो जाते हैं। प्रधान कठारा सुभाष त्रिपाठी, भारामऊ के अरविद यादव, उषा अवस्थी व बाबू तिवारी ने बताया कि इस मार्ग से क्षेत्रीय किसान अपनी उपज औरैया जिले की मंडी में ले जाकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं। दोनों जिलों को जोड़ने वाला यह मार्ग उनके आवागमन का प्रमुख मार्ग है। दो विभागों में फंसा है मामला

सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ओपी मौर्य ने बताया की नाले का पुल सही है यह अतिरिक्त पुलिया उससे जुड़ी थी जो टूट गई है। पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को लिखकर दिया जा चुका है कि वे इस पुलिया को समाप्त कर नाले के पुल तक अपनी सड़क बना दें फिर भी उनकी ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया है। वहीं पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता चंद्रकांत ने बताया कि सिचाई विभाग को भी नहीं पता है कि पुल वर्ष 1999 में बना था। प्रस्ताव तैयार किया गया है पुलिया समाप्त कर सड़क बनाई जाएगी।


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