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खड़ाऊ लेकर भरत चले अयोध्या

जागरण संवाददाता कानपुर देहात जिले की अलग-अलग रामलीला में मंचन का दर्शकों ने बुधवार को

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 07:59 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 07:59 PM (IST)
खड़ाऊ लेकर भरत चले अयोध्या
खड़ाऊ लेकर भरत चले अयोध्या

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : जिले की अलग-अलग रामलीला में मंचन का दर्शकों ने बुधवार को आनंद लिया। अकबरपुर की रामलीला में भरत श्रीराम वार्ता व पंचवटी विश्राम की लीला का मंचन हुआ। वहीं सिकंदरा में सीता हरण व राम सुग्रीव की लीलाओं को दर्शकों ने देखा।

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अकबरपुर की रामलीला में जैसे ही भरत को पता चलता है कि बड़े भैया श्रीराम, सीता व लक्ष्मण को 14 वर्ष का वनवास हो गया वह दुखी हो जाते हैं। वह भाई शत्रुघ्न को लेकर सीधे आश्रम पहुंचते है। यह दोनों भाई गले लगकर रोते है और श्रीराम से जिद करते हैं कि वह अयोध्या चलकर राज्य संभाले, लेकिन भगवान श्रीराम इससे इन्कार कर देते हैं। उनके न मानने पर भरत श्रीराम की खड़ाऊ को सिर पर रखकर अयोध्या चल पड़ते है और खड़ाऊ को ही सिंहासन पर रखकर राज करते हैं। उधर, सिकंदरा की रामलीला में सीताजी ने उस सुंदर मायावी हिरण को देखा जिसके अंग अंग की छटा बेहद मनोहर थी। सीता जी तभी भगवान प्रभु श्रीराम से कहने लगी हे देव कृपालु इस मृग की छाला बेहद सुंदर है सीता जी की उस मृग को पकड़वाने की इच्छा को समझते हुए भगवान ने तत्काल उस मृग हिरण का पीछा किया मायावी हिरण काफी दूर जंगल में निकल गया था, लेकिन भगवान उसका पीछा करते हुए जैसे ही बाण चलाया है हां लक्ष्मण की आवाज सुन सीताजी भगवान को किसी संकट के आवाज सुनकर लक्ष्मण से कहती हैं लक्ष्मण शीघ्र जाओ तुम्हारे भाई संकट में है। लक्ष्मण रेखा खींचकर वह जाते है इस बीच रावण आकर मां सीता का हरण कर लेता है। इसके बाद जटायु व राम सुग्रीव लीला का मंचन किया गया। आयोजकों में रामलीला कमेटी अध्यक्ष नीरज मिश्रा, राजेंद्र, राम अवतार कुशवाहा, विपिन व आकाश मौजूद रहे।


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