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जागरुकता तक ही सीमित सुरक्षित यातायात अभियान

जागरण संवाददाता कानपुर देहात संसाधनों का अभाव कहें या फिर जिम्मेदारों का उदासीन रवैय

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 06:41 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 06:41 PM (IST)
जागरुकता तक ही सीमित सुरक्षित यातायात अभियान
जागरुकता तक ही सीमित सुरक्षित यातायात अभियान

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : संसाधनों का अभाव कहें या फिर जिम्मेदारों का उदासीन रवैया। कारण कुछ भी हो, लेकिन पुलिस व परिवहन विभाग की ओर से सुरक्षित यातायात के लिए चलाया गया अभियान जागरुकता कार्यक्रम तक ही सीमित रहा। मौजूदा वर्ष में परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा माह, सप्ताह सहित 14 कार्यक्रमों का आयोजन कराया। इस दौरान नियमों की अनदेखी करने पर 4907 लोगों के चालान भी किए गए।

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यातायात नियमों की अनदेखी के साथ ही खस्ताहाल सड़कें, गति अवरोधक न होने, दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सूचना बोर्ड न होने के कारण जिले में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2020 में ही 433 लोग सड़क हादसे का शिकार हुए हैं, जिसमें 233 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। यह स्थिति तब है जब सरकार की ओर से शुरुआती दिनों में लॉकडाउन रहने से आवागमन प्रतिबंधित रहा। वहीं इससे पूर्व की सालों में सड़क हादसों की संख्या और भी अधिक है। सुरक्षित यातायात व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस ही नहीं परिवहन विभाग की ओर से भी अभियान चलाया जाता है, लेकिन संसाधनों के अभाव में जिम्मेदारों के पास भी कोई प्रभावी योजना नहीं है। परिवहन विभाग का मानना है कि वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन करें तो 50 फीसद से अधिक सड़क हादसों को होने से रोका जा सकता है। इसके लिए सभी को प्रयास करने की आवश्यकता है। वहीं खराब सड़कें, सूचना बोर्ड जैसे माध्यम मार्ग दुर्घटना के बड़े कारक नहीं है। निर्धारित गति में वाहन चलाने से इनसे भी बचा जा सकता है। इसके साथ ही नियमों की अनदेखी करने वाले चालकों के खिलाफ अभियान भी चलाया जाता है। वर्ष 2020 में विभाग की ओर हेलमेट, सीट बेल्ट 2648 लोगों का चालान किया गया जबकि ओवरलोडिग में 1067 लोगों पर कार्रवाई हुई। इस तरह अब तक नियमों की अनदेखी करने वाले 4907 लोगों के चालान किए गए। वहीं लोगों को जागरूक करने के लिए तीन सड़क सुरक्षा सप्ताह व एक सड़क सुरक्षा माह के साथ ही जनवरी व फरवरी में स्कूल व कॉलेज में 10 जागरुकता कार्यक्रम आयोजित हुए।

सुरक्षित यातायात व्यवस्था बहाल करना हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन संसाधनों व स्टाफ का अभाव भी एक विषय है। हमारा उद्देश्य है कि हम अधिक अधिक लोगों को जागरूक करें, जिससे सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगेगी।

मनोज वर्मा, एआरटीओ


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