इंदरुख में सेंगुर नदी पर पुल बनाने को हुई नापजोख
संवाद सूत्र रूरा डेरापुर ब्लाक के इंदरुख गांव में सेंगुर नदी पर पुल बनाने की कवायद शुरू
संवाद सूत्र, रूरा: डेरापुर ब्लाक के इंदरुख गांव में सेंगुर नदी पर पुल बनाने की कवायद शुरू हुई है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक व अन्य अफसरों ने स्थलीय निरीक्षण किया और नापजोख कराई। इसको लेकर ग्रामीणों में खुशी है। पुल बनने से डेरापुर तहसील व माती मुख्यालय के बीच सात किमी दूरी घटेगी। पुल लगभग 13 करोड़ रुपये से बनने का अनुमान है।
डेरापुर तहसील क्षेत्र के इंदरुख गांव से सरगांव बुजुर्ग को जोड़ने के लिए सेंगुर नदी पर पुल की मांग लोग काफी अर्से से कर रहे हैं। इंदरुख ग्राम प्रधान लोकेश शुक्ला ने पिछले दिनों राज्यमंत्री अजीत सिंह पाल से मिलकर पुल निर्माण की ओर ध्यान खींचा था। इस पर राज्यमंत्री ने पहल की थी और उत्तर प्रदेश सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक के अनुजा से पुल निर्माण का प्रस्ताव तैयार कराने को कहा था। इसी क्रम में शुक्रवार को सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक के साथ सहायक अभियंता यूपी सिंह, अवर अभियंता सुशील श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। टीम ने यहां पुल बनाने के लिए स्थलीय निरीक्षण किया और नापजोख की। सेतु निगम के अफसरों के अनुसार सेंगुर नदी पर कुल 90 मीटर लंबाई का पुल बनेगा। इसके बाद दोनों और गांव से जोड़ने के लिए करीब 5 किमी लंबाई की डामरीकृत सड़क बनाई जाएगी। निर्माण कार्य में करीब 13 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान जताया है। बताया कि जल्द विस्तृत आगणन तैयार कर मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा। इस दौरान यहां राकेश तिवारी, मुनेश शुक्ला, सुभाष मिश्रा, संतोष, अशोक पांडेय, राजकुमार आदि रहे।
-------------------
इंदरुख में सेंगुर नदी पर पुल निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। इसे मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने पर यहां पुल निर्माण का काम शुरू होगा।
के अनुजा, परियोजना प्रबंधक उप्र सेतु निगम
-----------------------
इंदरुख में सेंगुर नदी पर पुल बनने से इंदरुख, सरगांव बुजुर्ग, सरगांव खुर्द, शाही आदि गांवों के लोगों को सुविधा मिलेगी। वहीं माती मुख्यालय से डेरापुर तहसील मुख्यालय की दूरी सात कि.मीटर घट जाएगी। सीधा मार्ग होने से लोगों को सुविधा होगी। मौजूदा समय में डेरापुर तहसील मुख्यालय से जिला मुख्यालय माती जाने के लिए लोगों को गलुआपुर से बाया सरगांव बुजुर्ग होकर गौरियापुर होते हुए जाना पड़ता है। पुल बनने से गलुवापुर जाने की जरूरत नहीं होगी। दूरी कम होने से मार्ग व्यय घटेगा। पुल बनने से नदी के दोनों ओर के किसानों को आसानी होगी।