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लापरवाही की 'बाढ़' में डूबती सर्व शिक्षा

संवाद सहयोगी, भोगनीपुर: सरकार समाज को शिक्षित करने के लिए तमाम योजनाएं चला रही हैं। सर्व

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Sep 2018 06:48 PM (IST)Updated: Thu, 27 Sep 2018 06:48 PM (IST)
लापरवाही की 'बाढ़' में डूबती सर्व शिक्षा
लापरवाही की 'बाढ़' में डूबती सर्व शिक्षा

संवाद सहयोगी, भोगनीपुर: सरकार समाज को शिक्षित करने के लिए तमाम योजनाएं चला रही हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत विद्यालयों में बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए मध्याहन भोजन, ड्रेस, छात्रवृत्ति वितरण आदि कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं लेकिन अमरौधा ब्लाक के अधिकारियों की लापरवाही के कारण ग्राम पंचायत मीरपुर के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में दो माह से अधिक समय से जलभराव रहने के कारण बच्चे स्कूल के अंदर नहीं पहुंच पा रहे हैं। शिक्षक विद्यालय के बाहर रेल लाइन के किनारे पेड़ों की छांव में मुट्ठी भर बच्चों को बैठाकर शिक्षा देने की औपचारिकता निभा रहे हैं।

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अमरौधा ब्लाक की ग्राम पंचायत मीरपुर में प्राथमिक विद्यालय मीरपुर व उच्च प्राथमिक विद्यालय मीरपुर के भवन एक तालाब के किनारे स्थित है। प्रत्येक वर्ष बरसात के दिनों में पानी बरसने से बरसाती पानी से दोनों विद्यालय घिर जाते हैं। जिससे महीनों बच्चे स्कूल के अंदर नहीं घुस पाते हैं। इस वर्ष भी जुलाई माह के अंत में बारिश होने के बाद दोनों विद्यालयों के भवन पानी से घिर गये थे। तब से बच्चे स्कूल के अंदर नहीं घुस पा रहे हैं। शिक्षक भी स्कूलों के बाहर बच्चों को पढ़ाकर औपचारिकता निभा रहे हैं।

उच्च प्राथमिक विद्यालय मीरपुर के बच्चे कानपुर-झांसी रेल लाइन के किनारे पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ते हैं। आसपास जानवर बंधने व गोबर के ढेर लगे होने के कारण वातावरण दूषित है। कानपुर-झांसी रेल लाइन से दिनभर तेज रफ्तार गाड़ियां निकलती है, जिससे बच्चों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा भी बना हुआ है।

उच्च प्राथमिक विद्यालय मीरपुर की प्रधानाध्यापक शकुंतला ने बताया कि विद्यालय में जलभराव की सूचना खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर दी गई लेकिन समाधान नहीं हो सका। प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय में कुल 32 बच्चे पंजीकृत हैं। स्कूल में जलभराव होने के कारण अधिकांश बच्चे स्कूल नहीं आते हैं। गुरुवार को आधे बच्चे ही स्कूल आये थे।

प्राथमिक विद्यालय मीरपुर की प्रधानाध्यापक प्रीती देवी ने बताया कि उनके विद्यालय में कुल 36 बच्चे नामांकित हैं लेकिन विद्यालय में जलभराव रहने के कारण अधिकांश अभिभावक विद्यालय नहीं भेज रहे हैं। जो बच्चे आ रहे हैं उन्हें स्कूल के पास ही एक निजी भवन के बाहर बरामदे को पांच सौ रुपये किराये में लेकर बैठाकर शिक्षण कार्य किया जा रहा है। स्कूल में जलभराव की सूचना खंड शिक्षा अधिकारी को दी गई लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।

खंड शिक्षा अधिकारी विमला वर्मा ने बताया कि प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के भवनों में जलभराव की समस्या का निदान करने के लिए खंड विकास अधिकारी को पत्र भेजा गया है। बीडीओ मंगल ¨सह निरंजन ने बताया कि मीरपुर के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय जलभराव की जानकारी नहीं है। जानकारी मिलने पर समस्या का समाधान कराया जायेगा।


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