ओडीएफ में रोड़ा डालने वालों पर होगी कार्रवाई
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जिले को दो अक्टूबर तक ओडीएफ घोषित करने का सपना हकीक
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जिले को दो अक्टूबर तक ओडीएफ घोषित करने का सपना हकीकत में बदलता नजर नहीं आ रहा है। जिधर भी नजर पड़ रही है, उधर ही शौचालय अधूरे पड़े हैं। कारण.. पात्रों को एक किस्त मिलने के बाद दूसरी किस्त के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। यह हकीकत दो दिन पहले जिला प्रभारी मंत्री मुकुट बिहारी रनियां गांव में देख भी चुके हैं। दैनिक जागरण ने ओडीएफ में हो रही लापरवाही को प्रमुखता से उजागर किया। अब जिला प्रशासन ने योजना में रोड़े डालने वालों की सूची तलब कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
जिले में 1.50 लाख शौचालय बनने हैं। इसमें से 60 हजार अभी तक नहीं बन पाए हैं। दैनिक जागरण ने लगातार निर्माण में लापरवाही से प्रशासन को अवगत कराया। प्रभारी मंत्री जब रनियां और हांसेमऊ गांव में पहुंचे तो अधिकारियों की पोल खुल गई। झींझक ब्लॉक का शाहपुर गांव हो या फिर जोगी डेरा, हर जगह यही हाल है। डेरा की आतुशी देवी व मीना देवी के शौचालय के दरवाजे टूटे हैं। मैथा ब्लॉक के मकरंदपुर बंथा, करोम, जैतपुर शिवली तथा टोंडरपुर को 2017 में ओडीएफ घोषित कर दिया गया था। इसके बाद भी बंथा के सुनील, ओम प्रकाश, श्यामबाबू, नीरज, छत्रपाल, छोटे के यहां शौचालय ही नहीं है। कमोवेश यही हालात करोम गांव का भी हैं। जागरण ने लगातार इस हकीकत से पर्दा उठाया। प्रभारी मंत्री की फटकार और लक्ष्य पूरा करने की तारीख नजदीक आता देख डीएम राकेश कुमार ¨सह ने सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं।
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लापरवाही बरतने वालों को होगी कार्रवाई: डीएम
डीएम राकेश कुमार ¨सह ने बताया कि दो अक्टूबर तक ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त करना है। सर्वे के अनुसार ग्राम पंचायतों को निर्माण के लिए धनराशि आवंटित की जा चुकी है। लेकिन, यह संज्ञान में आया है कि बैंक शाखाओं द्वारा लाभार्थियों के खाते में धनराशि भेजने में अनावश्यक रूप से विलंब किया गया। जनपद को ओडीएफ करने में बाधा आ रही है। उन्होंने निर्देश दिया कि अधिकारी व बैंक कर्मचारी व्यक्तिगत रूप से रूचि लेकर सहयोग करना सुनिश्चित करें। यदि इस कार्य में किसी भी कर्मचारी, अधिकारी, बैंक शाखा के कर्मचारी ने लापरवाही बरती तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।