495 ग्राम पंचायतों में कार्यों की नहीं हुई जियो टैगिग
जागरण संवाददाता कानपुर देहात देश की सबसे छोटी संसद ग्राम पंचायतों के माध्यम से विकास का
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: देश की सबसे छोटी संसद ग्राम पंचायतों के माध्यम से विकास कार्य कराने के लिए शासन से करोड़ों रुपये पानी की बहाये जा रहे हैं, लेकिन अधिकारियों को कार्यों की हकीकत दिखाने से गुरेज है। जिले की 640 ग्राम पंचायतों में हजारों कार्यों कराने का दावा किया गया, लेकिन वित्तीय वर्ष बीतने के बाद सिर्फ 145 पंचायतों में कार्यों की जियो टैगिग हो सकी है।
ग्राम पंचायतों में नाली, सड़क, इंटरलाकिग, चकरोड निर्माण, तालाब खोदाई, हैंडपंप मरम्मत सहित अन्य विकास कार्यों के लिए ग्राम निधि में लाखों रुपये दिये जाते हैं। ताकि छोटी समस्याओं का निदान पंचायत स्तर पर ही कराया जा सके। शासन ने हकीकत जांचने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में होने वाले कार्यों की जियो टैगिग (कार्यों की आनलाइन फोटो फीडिग) कराने का फरमान दिया, तो एडीओ पंचायत व ग्राम सचिव कन्नी काटने लगे। लापरवाही का आलम यह है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के पहले सप्ताह तक 640 में से सिर्फ 145 ग्राम पंचायतों की आनलाइन फीडिग हो सकी। जबकि डीएम, सीडीओ व डीपीआरओ पूर्व में हुई बैठकों में कई बार जियो टैगिग कराने के लिए एडीओ पंचायत व ग्राम सचिवों को कड़े निर्देश दे चुके हैं। इसके बावजूद 495 ग्राम पंचायतों में कार्यों के बावत फीडिग कार्य अधर में लटका हुआ है और जनपद से लेकर शासन में बैठे हुक्मरान कराए गए कार्यों की वास्तविकता से अंजान हैं। वहीं डीपीआरओ एडीओ पंचायत की मनमानी के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। ग्राम पंचायतों में कराए कार्यों की जियो टैगिग न कराने पर नौ एडीओ पंचायत को चेतावनी व एक एडीओ को चार्जशीट दी जा चुकी है। सुधार न होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-शिवशंकर सिंह (डीपीआरओ) ब्लाकवार पंचायतों में जियो टैगिग की स्थिति
ब्लाक कुल ग्राम पंचायत जियो टैगिग हुई
अमरौधा 73 25
अकबरपुर 59 16
सरवनखेड़ा 58 14
संदलपुर 57 14
रसूलाबाद 91 04
मलासा 65 25
राजपुर 60 18
मैथा 74 07
झींझक 48 12
डेरापुर 55 16