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कानपुर में जीका संक्रमित महिला ने दिया था जुड़वा बच्चों को जन्म, कार्डियोलाजी में हुई दिल की जांच

काजी खेड़ा निवासी शिक्षा मित्र भरत महतो ने बताया कि उनके बच्चे टेस्ट ट्यूब बेबी हैं। क्षेत्र में जीका वायरस की दस्तक के दौरान पत्नी गर्भवती थीं इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने जीका वायरस की जांच कराई जिसमें उनमें संक्रमण की पुष्टि हुई।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 10:19 PM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 10:19 PM (IST)
कानपुर में जीका संक्रमित महिला ने दिया था जुड़वा बच्चों को जन्म, कार्डियोलाजी में हुई दिल की जांच
एलएलआर के बाल रोग विभाग के एसएनसीयू में भर्ती कराया। जहां वह डाक्टर की निगरानी में है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। काजी खेड़ा निवासी जीका संक्रमित महिला के जुड़वा नवजात शिशु में से एक एलएलआर अस्पताल (हैलट) के बाल रोग विभाग के सिक एंड न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में भर्ती है, जबकि दूसरा घर पर अपनी मां के पास है। अस्पताल में भर्ती नवजात शिशु के दिल में छेद, होंठ और तालू कटे हुए हैं। बाल रोग विभागाध्यक्ष ने जांच के लिए लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान भेजा था, जहां उसकी ईको कार्डियोग्राफी जांच की गई। अब उसे एक माह बाद बुलाया गया है।

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काजी खेड़ा निवासी शिक्षा मित्र भरत महतो ने बताया कि उनके बच्चे टेस्ट ट्यूब बेबी हैं। क्षेत्र में जीका वायरस की दस्तक के दौरान पत्नी गर्भवती थीं, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने जीका वायरस की जांच कराई, जिसमें उनमें संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद जटिलताओं को लेकर ही घबरा गए। प्रसव पीड़ा होने पर तत्काल मदद नहीं मिली, जिससे शारदा नगर के नर्सिंग होम में भर्ती कराया, जहां जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। एक को दिक्कत होने पर एसएनसीयू में भर्ती करना पड़ा। आर्थिक स्थिति ठीक न होने और कहीं से मदद नहीं मिलने पर एलएलआर के बाल रोग विभाग के एसएनसीयू में भर्ती कराया। जहां वह डाक्टर की निगरानी में है। 

अभी रहेगा निगरानी में, पलवल में होगी निश्शुल्क सर्जरी: जीएसवीएम मेडिकल कालेज के बाद रोग विभागाध्यक्ष प्रो यशवंत राव का कहना है कि एसएनसीयू में भर्ती नवजात शिशु को ईको जांच के लिए हृदय रोग संस्थान भेजा था। नवजात शिशु को हृदय की गंभीर बीमारी है। उसे डबल आउटलेट राइट वेंट्रिकल फ्लो की समस्या है। इसलिए अभी यहां मानीटरिंग में रहेगा। इसके लिए सर्जरी जरूरी है। हरियाणा के पलवल स्थित सेंटर के डाक्टरों से बात कर रहे हैं, जहां नवजात की निश्शुल्क सर्जरी कराएंगे। जिससे आगे चलकर नवजात शिशु को किसी तरह की कोई दिक्कत न होने पाए‌।


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