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फर्रुखाबाद में जरदोजी जड़ हुई, गारमेंट्स गिरे धड़ाम, निर्यातकों को झटका, 10 करोड़ के आर्डर रद

शहर के कारखानों से स्कार्फ दुपट्टा जरदोजी के लहंगे साडिय़ां सूट व गारमेंट्स का निर्यात इंग्लैंड यूरोप फ्रांस और अरब देशों में होता है। स्थानीय व्यापारियों उनके रिश्तेदारों ने दिल्ली नोएडा व मुंबई में कार्यालय खोल रखे हैं। वहीं से माल बाहर भेजा जाता है।

By Akash DwivediEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 06:10 AM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 06:10 AM (IST)
फर्रुखाबाद में जरदोजी जड़ हुई, गारमेंट्स गिरे धड़ाम, निर्यातकों को झटका, 10 करोड़ के आर्डर रद
इसी तरह दो दर्जन से अधिक कारखाने रेडीमेड गारमेंट तैयार करके निर्यात करते हैं

फर्रुखाबाद (बृजेश मिश्र)। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने जिले के निर्यातकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। करीब 10 करोड़ रुपये के आर्डर रद हो गए हैं। एक सप्ताह के अंतराल में दिल्ली, नोएडा व मुंबई के बाजार की सुस्ती का यहां सीधा असर पड़ा है।

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शहर के कारखानों से स्कार्फ, दुपट्टा, जरदोजी के लहंगे, साडिय़ां, सूट व गारमेंट्स का निर्यात इंग्लैंड, यूरोप, फ्रांस और अरब देशों में होता है। स्थानीय व्यापारियों, उनके रिश्तेदारों ने दिल्ली, नोएडा व मुंबई में कार्यालय खोल रखे हैं। वहीं से माल बाहर भेजा जाता है। यहां जरदोजी के छोटे-बड़े 200 से अधिक कारखाने हैं, जिनमें लहंगा, चुनरी, ब्लाउज, साड़ी व सूट तैयार किए जाते हैं। व्यापारियों के मुताबिक, प्रतिमाह करीब 50 करोड़ से अधिक का कारोबार होता है। करीब 150 कपड़ा छपाई कारखाने हैं, जिनमें आधा दर्जन कारखाना मालिक निर्यात होने वाले कपड़े की छपाई करते हैं। इनका काम भी धीमा हुआ है। इसी तरह दो दर्जन से अधिक कारखाने रेडीमेड गारमेंट तैयार करके निर्यात करते हैं।

इनका ये है कहना

  • जरदोजी के कपड़ों की सर्वाधिक बिक्री सहालग में होती है। दिल्ली, मुंबई, नोएडा व लुधियाना से आर्डर लेते हैं। उसी आधार पर माल तैयार कराते हैं। कोरोना का प्रकोप बढऩे से अधिकांश शादियां स्थगित हो गई हैं। दिल्ली में लॉकडाउन के कारण आर्डर रद हो रहे हैं।

                                                                               हाजी शादाब हुसैन, जरदोजी व्यवसायी।

  • एक सप्ताह में 25 फीसद आर्डर रुक गए हैं। जम्मू, कश्मीर, दिल्ली, नोएडा के कार्यालय बंद हैं। विदेश से भी कारोबार कम हुआ है। इसका असर कपड़ा छपाई उद्योग पर पड़ा है। हालात नहीं सुधरे तो अधिक नुकसान होगा।

                                                                            दिनेश साध, कपड़ा छपाई व्यवसायी।

  • दिल्ली व नोएडा के व्यापारियों से आर्डर लेकर एक्सपोर्ट के लिए रेडीमेड गारमेंट्स तैयार कराते हैं। पिछले दो माह में कारोबार ने रफ्तार पकड़ी थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने तगड़ा झटका दिया है। स्थानीय व्यापारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।

                                                                             नितांश साध, रेडीमेड गारमेंट कारखाना मालिक।  


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