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World Milk Day Special: सीएसए के शोध में सामने आया पांच फीसद दूध में होता है बैक्टीरिया

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों का मानना है कि दुधारू पशु को स्वच्छता से रखने और दूध निका लने वालों को भी साफ सफाई का ध्यान रखना पड़ेगा तभी तो दूध भी सुरक्षित होगा ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 09:59 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 10:59 AM (IST)
World Milk Day Special: सीएसए के शोध में सामने आया पांच फीसद दूध में होता है बैक्टीरिया
पांच फीसद दूध में बैक्टीरियल लोड बढ़ जाता है।

कानपुर, जेएनएन। शुद्ध दूध की मांग हमेशा से रही है। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिससे किसी भी गांव के 50 फीसद से अधिक ग्रामीण जुड़े हैं। जहां दूध का व्यवसाय लगातार बढ़ रहा है, वहीं उसमें बैक्टीरिया का लोड भी बढ़ता देखा गया है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दिलीप नगर कृषि विज्ञान केंद्र ने इस पर शोध किया है। इसके मुताबिक कम से कम पांच फीसद दूध में बैक्टीरिया होता है। दुधारू पशु और दूध निकालने वाले की स्वच्छता से दूध को बैक्टीरिया मुक्त रखा जा सकता है।

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दलीप नगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर सीके राय बताते हैं कि आमतौर पर गांव में दूध निकालने का काम सुबह चार बजे से शुरू हो जाता है। अगर दूध निकालने के बाद उसमें गोबर, बाल का टुकड़ा व गंदगी गिर जाए तो बैक्टीरियल लोड बढ़ जाता है। कई स्थानों पर दुधारू पशुओं को ऐसी जगह बांधा जाता है जहां पर 24 घंटे कीचड़ व गोबर पड़ा रहता है। इससे दूध निकालते समय सौ फीसद हाईजीन का ख्याल नहीं रखा जा सकता।

डॉ. राय ने बताया कि दूध निकालने के बाद वह अधिकतम आठ घंटे तक रहता है। उसके बाद वह फटने लगता है। अगर स्वच्छता के मानकों का पालन किया जाए तो यही दूध 12 घंटे सही रह सकता है। उन्होंने बताया कि विश्व में भारत अकेले 22 फीसद दूध का उत्पादन कर नंबर एक पर है। उन्होंने बताया कि हमारे देश में दुधारू पशुओं की संख्या तीन सौ मिलियन है जो करीब दो सौ नौ मिलियन टन वार्षिक दूध देते हैं।

स्वच्छ दुग्ध उत्पादन पर ध्यान देने से होंगे मालामाल

डॉ. राय ने बताया कि दूध की गुणवत्ता कम होने के कारण विदेशी बाजारों में हमारे दुग्ध पदार्थों की कीमत कम लगाई जाती है। उन्होंने बताया की स्वच्छ दुग्ध उत्पादन के लिए दूध दुहने वाले व्यक्ति को स्वस्थ व संक्रामक रोग मुक्त होना चाहिए। दूध दुहने के समय तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी व पान इत्यादि का सेवन न किया जाए। 21वें विश्व दुग्ध दिवस की थीम पर्यावरण, पोषण व सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता पर केंद्रित है। अगर हम जरा सी सावधानी बरतें तो इस व्यवसाय से जुड़े लोग अधिक मुनाफा कमाएंगे।


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