डब्लूएचओ ने प्रति व्यक्ति बढ़ाई खान-पान की मात्रा, बेहतर पोषण के लिए कितना जरूरी सब्जी और फल
आइसीएआर की ओर से संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ है । इस कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने बेहतर पोषण के लिए जरूरी जानकारियां दीं । इसमें शिक्षकों और शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया ।
कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) नई दिल्ली द्वारा संरक्षित खेती को लेकर आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। तीन सप्ताह के इस कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञ सब्जियों व फलों की संरक्षित खेती को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। सीएसए विवि की ओर से शिक्षकों व शोधार्थियों समेत करीब 90 लोगों ने प्रतिभाग किया है।
सीएसए विवि प्रशासन ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन आइसीएआर के उप महानिदेशक डा. आरसी अग्रवाल ने किया। विशेषज्ञों ने कहा कि पहले प्रति व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 300 ग्राम फल व सब्जियों की आवश्यकता बताई गई थी, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से बढ़ाकर अब 400 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन किया गया है। लिहाजा फलों व सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। किसानों को प्रति इकाई क्षेत्रफल से अधिक पैदावार दिलाने के लिए मौसमी के साथ ही गैर-मौसमी फल व सब्जियों का भी उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा गया है।
चूंकि गैर-मौसमी सब्जी का उत्पादन केवल संरक्षित खेती के माध्यम से संभव हो पाता है। इसलिए संरक्षित खेती को बढ़ावा देना जरूरी है। इस खेती में चीन पूरे विश्व में प्रथम स्थान पर है। हालांकि अब भारत में भी शुरुआत हो रही है। प्रशिक्षण में बताया गया कि जिन किसानों का खेती से मोह भंग हो रहा है, उनके लिए संरक्षित खेती अच्छा विकल्प है। युवा वर्ग भी इसे अपनाकर रोजगार स्थापित कर सकते हैं।