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Training In Kanpur: स्टीयरिंग थामकर आधी आबादी बोलीं- बस चलाना सिर्फ मर्दों का अधिकार नहीं...

उत्तर प्रदेश में पहली बार महिलाओं को बस चालक बनाने का प्रशिक्षण कानपुर में शुरू हो गया है। यहां आसपास के जनपदों से भी महिलाएं प्रशिक्षण लेने के लिए पहुंची हैं। पहले चरण में प्रशिक्षण के लिए 19 महिलाओं का चयन हुआ है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 08:59 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 05:32 PM (IST)
Training In Kanpur: स्टीयरिंग थामकर आधी आबादी बोलीं- बस चलाना सिर्फ मर्दों का अधिकार नहीं...
कानपुर के ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में ड्राइविंग कोर्स के बारे में बताया गया।

कानपुर, जेएनएन। महिलाओं को प्रशिक्षित करके बस चालक बनाने की शुरुआत हो गई है। दिल में कुछ कर गुजरने व नाम रोशन करने का जज्बा लेकर 19 युवतियां व महिलाएं विकास नगर स्थित मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर पहुंचीं। प्रशिक्षण के पहले दिन उन्हें कोर्स की जानकारी दी गई। एक सप्ताह की डेमो क्लास लगेगी, उसके बाद आगे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। महिलाओं ने प्रशिक्षण से पहले कहा- अब वो भी कंधे से कंधा मिलाकर परिवार चलाने में सहयोग करेंगी। यहां सात महीने के प्रशिक्षण के बाद उनको डिपो में तैनात किया जाएगा।

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जानिए-क्या बोले प्रशिक्षणार्थी

  • बस चलाने के शौक की वजह से प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया तो चयन भी हो गया। अब प्रशिक्षण पूरा करने के बाद बस चलाएंगे। -आज्ञा रावत
  • जब महिलाओं को बस चलाने का प्रशिक्षण दिए जाने की जानकारी हुई तो घर पर बताया। आठ साल की बेटी ने भी प्रेरित किया। -अंतिमा मिश्रा
  • पति ट्रक चलाते हैं, दो बच्चे हैं। खुद भी चालक बनकर परिवार की आय बढ़ाना चाहती हूं ताकि बच्चों की अच्छी परवरिश हो सके। -गीता सिंह
  • पति का निधन हो चुका है, दो छोटे बच्चे हैं। सास रेखा शर्मा को बताया तो उन्होंने प्रोत्साहित किया। आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। -पूनम शर्मा
  • बस चलाना सिर्फ मर्दों को अधिकार नहीं है। महिलाएं भी किसी से कम नहीं हैं। यही साबित करने के लिए चालक का प्रशिक्षण लेने आई हूंं। -सोनिया
  • कुछ कर दिखाने के जज्बे ने बस चलाने का प्रशिक्षण लेने का इरादा बनाया। बस चलाकर समाज को महिलाओं के हौसले को दिखाएंगे। -संगीता चौहान
  • पति से तलाक हो गया है। कोई सहारा नहीं है। आत्मनिर्भर बन ङ्क्षजदगी गुजारना चाहते हैं। बस चलाकर बताएंगे कि महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं। -मंजू
  • बस चलाने की तमन्ना थी, जब प्रशिक्षण की जानकारी मिली तो आवेदन कर दिया। चयन होने पर स्वजन भी खुश हैं, अब सपना भी पूरा हो जाएगा। -सौम्या बाजपेई

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