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इस Toilet में 50 फीसद पानी की बचत के साथ ही महिलाओं को Sanitary Pad Disposal, Vending Machine की सुविधा भी मिलती, जानिए कैसे

इसकी खासियत यह है कि 50 फीसद पानी की कम खपत के साथ ही इनमें महिलाओं को सेनेटरी पैड डिस्पोजल व वेंडिंग मशीन की सुविधा भी मिल रही है जबकि गोरखपुर में लगाए गए गर्व टॉयलेट में बेबी फीडिंग रूम भी है।

By Akash DwivediEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 08:39 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 05:08 PM (IST)
इस  Toilet  में 50 फीसद पानी की बचत के साथ ही महिलाओं को Sanitary Pad Disposal, Vending Machine की सुविधा भी मिलती, जानिए कैसे
ग्रीन टॉयलेट का वर्तमान में 1.30 लाख महिलाएं इस्तेमाल कर रही

कानपुर, जेएनएन। महिलाओं और उनके शिशुओं को अगर ऐसा सुरक्षा चक्र मिल जाए जो उन्हेंं न सिर्फ बैक्टीरिया व वायरस से बचाए, बल्कि रोजमर्रा के जीवन से भी जुड़ा हो तो जिंदगी आसान हो जाती है। गर्व टॉयलेट इसका बेहतर उदाहरण है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के इंक्यूबेशन सेंटर में विकसित तकनीक से बने इस ग्रीन टॉयलेट का वर्तमान में 1.30 लाख महिलाएं इस्तेमाल कर रही हैं।

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इसकी खासियत यह है कि 50 फीसद पानी की कम खपत के साथ ही इनमें महिलाओं को सेनेटरी पैड डिस्पोजल व वेंडिंग मशीन की सुविधा भी मिल रही है, जबकि गोरखपुर में लगाए गए गर्व टॉयलेट में बेबी फीडिंग रूम भी है। यहां 25 से 30 हजार महिलाओं के बच्चों को इस सुविधा का लाभ मिल रहा है। इस स्टार्टअप के संस्थापक मयंक मिढा ने देशभर में 1420 टॉयलेट लगवाए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में ही 600 टॉयलेट हैं। पूरे देश में करीब 700 पिंक टॉयलेट महिलाओं के लिए हैं। सवा दो लाख महिलाएं, पुरुष और बच्चे इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। गोरखपुर के रामगढ़ ताल पर मेला के दौरान सरकार के कहने पर टॉयलेट लगाया गया था। प्रदेश सरकार को स्टार्टअप ने ये टॉयलेट मुहैया कराए हैं। 350 टॉयलेट का ऑर्डर और मिला है। कानपुर में लगाने पर भी बात चल रही है। प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप से खरीदने के बाद इन्हेंं लगवाया था और वही व्यवस्था संचालित करा रही है।

प्रदेश के 11 जिलों में गर्व टॉयलेट

प्रदेश के अलीगढ़, मथुरा, वृदांवन, जौनपुर, बरेली, प्रयागराज, बागपत, सोनभद्र व गोरखपुर समेत 12 जिलों में गर्व टॉयलेट लगे हैं। ज्यादातर टॉयलेट शहर के बीचों बीच ऐसे स्थानों पर लगे हैं, जहां सुलभ शौचालय की जरूरत थी। टॉयलेट लगाने में पांच साल तक का कांट्रेक्ट किया गया है। इन टॉयलेट में प्रवेश का शुल्क नहीं है, जबकि सेनेटरी पैड के दाम सरकार ने तय किए हैं।

पांच लाख लोगों को सुविधा देने का लक्ष्य

गर्व टॉयलेट के इनोवेटर मयंक मिढा ने बताया कि नए साल में पांच लाख लोगों को इसकी सुविधा देने का लक्ष्य है। प्रदेश सरकार से साढ़े तीन सौ गर्व टॉयलेट का ऑर्डर मिला है, जिसमें 50 फीसद पिंक टॉयलेट होंगे। गोरखपुर के बाद अब दूसरे जिलों के टॉयलेट में भी बेबी फीडिंग की सुविधा देने की योजना है।

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