Move to Jagran APP

मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर रोक नहीं, पर्दे में रहकर पढ़ सकती हैं नमाज

उलमा ने कहा कि मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर रोक नहीं फेथफुलगंज सुजातगंज की ईदगाह में आती हैं नमाज पढऩे

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 01:17 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 10:22 AM (IST)
मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर रोक नहीं, पर्दे में रहकर पढ़ सकती हैं नमाज
मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर रोक नहीं, पर्दे में रहकर पढ़ सकती हैं नमाज
कानपुर, जागरण संवाददाता। किसी मस्जिद में महिलाओं के नमाज पढऩे में कोई रोक नहीं है। अगर वह मस्जिद में नमाज पढऩे आएंगी तो उन्हें कोई रोक नहीं सकता। सर्वसम्मत से उलमा ने इस बात की पुष्टि की है कि महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश पर कोई रोक नहीं है और वह पर्दे में रहकर नमाज पढ़ सकती हैं।
जमीअत अहले हदीस के प्रमुख मोहम्मद इकबाल ने सुप्रीमकोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया है। कहा कि खान-ए-काबा में जब महिलाएं पुरुषों के साथ इबादत करती हैं तो कोई ऐतराज नहीं करता। फेथफुलगंज और सुजातगंज की मस्जिदों में महिलाएं पांचों वक्त की नमाज अदा करती हैं और जुमा के दिन तो मस्जिदें फुल हो जाती हैं। उधर शहरकाजी मौलाना आलम रजा खां नूरी का कहना है कि पर्दे में रहकर महिलाएं मस्जिद में नमाज पढ़ सकती हैं। मस्जिद में महिलाओं के नमाज पढऩे पर कोई पाबंदी नही है। बता दें कि मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने की बात की है। सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र सरकार, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड, राष्ट्रीय महिला आयोग, सेंट्रल वक्फ काउंसिल को नोटिस देकर जवाब मांगा है ।
इमामत नहीं कर सकती
जाजमऊ के मौलाना गुलाम कादिर का कहना है कि पैगंबर मोहम्मद साहब के जमाने में भी महिलाएं मस्जिद में नमाज अदा करती थीं। उन्होंने कहा कि महिलाएं नमाज नहीं पढ़ा सकती हैं, यानी इमामत नहीं कर सकतीं।  

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.